20 हजार मजदूरों में 95 को ही मिल रहा है काम

जिले में मनरेगा के निबंधित मजदूरों की संख्या एक लाख 85 हजार 14

By Prabhat Khabar News Desk | December 6, 2024 7:20 PM

कटकमसांडी उमाकांत शर्मा

हजारीबाग जिला में मनरेगा से संचालित हो रहे विकास कार्यो की गति काफी धीमी है. आलम यह है कि मनरेगा में निबंधित मजदूरों की संख्या एक लाख 85 हजार 14 है, जबकि काम मात्रा 20 हजार 95 को ही मिल रहा है. जिला में कुल 250 पंचायत है, जिसमें इन दिनों 231 पंचायत में ही मनरेगा का काम चल रहा है .बाकी शेष बचे 19 पंचायतों मे मनरेगा से एक भी योजना संचालित नहीं हो रही है. बड़कागांव प्रखंड की सात ऐसी पंचायत हैं, जहां के लोग मनरेगा कार्यों से वंचित हैं. जिले में मजदूरों को काम उपलब्ध कराने का जो आकड़ा है, वह मात्र 10.86 प्रतिशत है, जो लक्ष्य से काफी कम है. यही कारण है कि मजदूर काम के अभाव में किसी दूसरे राज्य में पलायन कर रहे हैं. जिला कार्यालय में जो रिपोर्ट दर्ज है, उसके अनुसार सबसे खराब प्रदर्शन कटकमसांडी और कटकमदाग प्रखंड का है. जहां पर 8581 निबंधित मजदूरों में से मात्र 444 मजदूरों को ही काम मिल पा रहा है. जबकि शेष मजदूर काम के अभाव में किसी दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए विवश हैं. बताया जाता है कि कटकमसांडी प्रखंड के आराभूसाई और शाहपुर पंचायत में मनरेगा का काम मजदूर से नहीं करा कर जेसीबी से कराया गया है, जिसके कारण कई योजनाओं की राशि भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. आराभुसाई पंचायत के तत्कालीन रोजगार सेवक कामेश्वर पांडेय ने बताया कि जिस काम में जेसीबी का प्रयोग किया गया है, उन सभी कामों को रोक लगाते हुए राशि भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिला से प्राप्त आंकड़ा के अनुसार, सदर प्रखंड में 9316 निबंधित मजदूरों की संख्या है, जिसमें केवल 1084 को ही कम मिल पा रहा है. विष्णुगढ़ प्रखंड में 22 हजार 563 में से 1386 , इचाक में 24 हजार 538 में से 4097, बड़कागांव में 18 हजार 393 में से 2933, केरेडारी में 17 हजार 859 में से 2080, डाडी में 6258 में से 314, पदमा में 8502 में से 749, चलकुशा में 6361 में से 714 , चुरचू में 5698 में 423 , टाटीझरिया में 6033 में से 302 , कटकमदाग में 3289 में 227, दारू में 11 हजार 46 में 1118 , बरकट्ठा में 12 हजार 62 में 1136, बरही में 7569 में 683 और चौपारण प्रखंड में 16 हजार 946 में से 2405 मजदूरों को ही काम मिल रहा है . हजारीबाग उप विकास आयुक्त ने गांव-गांव मे कम योजना चलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रत्येक गांव मे पांच-पांच योजना संचालित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने 28 नवंबर को मनरेगा की आयोजित समीक्षा बैठक में प्रखंड प्रशासन को दिशा-निर्देश भी दिया है. उन्होंने 13 प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए सभी बीडीओ को एक सप्ताह के अंदर कार्यों को पूरा करने को कहा है.

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