बड़कागांव. बड़कागांव के गुड़ का तिलकुट झारखंड व बिहार में विख्यात है. यहां नवंबर माह से तिलकुट बनना शुरू हो जाता है. तिलकुट की सोंधी महक आने लगती है. बड़कागांव चौक में तिलकुट के 10 कुटीर उद्योग हैं. इन कुटीर उद्योगों में 100 से अधिक लोग कार्य कर करते है. मकर सक्रांति को लेकर इन कुटीर उद्योगों में तिलकुट बनाया जा रहा है. कारीगर गुड़ के साथ तिल की कुटाई कर रहे हैं. तिलकुट दुकान के दीपक गुप्ता ने बताया कि बाजार में 200 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलो तिलकुट की बिक्री हो रही है. गुड़ वाला तिलकुट 240, खोवा तिलकुट 400, चीनी तिलकुट 220 और स्पेशल तिलकुट 350 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. तिलकुट कुटीर उद्योग के मालिक राजेश गुप्ता ने कहा कि बड़कागांव के तिलकुट की झारखंड-बिहार में अलग पहचान है. बाजार में डिमांड लोकल तिलकुट की अधिक है. दीपक गुप्ता ने कहा कि बड़कागांव का खोवा एवं सफेद तिल का तिलकुट लोग अधिक पसंद करते हैं. कुंदन गुप्ता ने बताया कि बड़कागांव में बनने वाले गुड़ के तिलकुट को लोग पसंद करते हैं. इसका स्वाद अच्छा हाेता है. इसकी मांग हजारीबाग, कोडरमा, रांची, चतरा, डालटनगंज समेत अन्य जिले में होती है.
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