हजारीबाग, सलाउद्दीन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 78 विश्वविद्यालयों को मल्टी डिसीप्लेनरी एडुकेसन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित करने के लिए मंगलवार कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके तहत विनावा भावे विश्व विद्यालय को 99.79 करोड़ रुपये की अनुदान राशि मिली है. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोगों को संबोधित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन विश्व विद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया था.
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने लोगों को किया संबोधित
कार्यक्रम के बाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में जो उपलब्धियां हासिल की है. उसमें पीएम उषा मील का पत्थर साबित हुआ है. यह रूसा कार्यक्रम का नया संस्करण है. कोडरमा सांसद ने कहा कि 2047 में हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे. उस समय हम कैसा भारत चाहते हैं, इसी को प्रधानमंत्री का विकसित भारत अभियान निर्धारित करता है. इसमें शिक्षा क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा. यही कारण है कि विश्वविद्यालय के सशक्तिकरण पर इतनी बड़ी राशि का निवेश किया जा रहा है. झारखंड बिहार से केवल विनोबा भावे विश्वविद्यालय को इतनी बड़ी राशि उपलब्ध कराए जाने पर अन्नपूर्णा देवी ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया. उन्होंने आगे कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय का 32 वर्ष पूरा हो गया है. इसलिए हम सब विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ आज से ही कार्य प्रारंभ करें. हमारे विद्यार्थियों में प्रतिभा की कमी नहीं है. सिर्फ उन्हें अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों की कमी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
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केंद्रीय अनुदान का सदुपयोग हो: मनीष जायसवाल
कार्यक्रम को विधायक मनीष जायसवाल ने संबोधित किया. उन्होंने हजारीबाग के नागरिकों की ओर से 99.79 करोड रुपये अनुदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय में इस बड़ी राशि का सदुपयोग होगा. मनीष जायसवाल ने बताया कि भारत के कुल 1050 विश्वविद्यालयों में विनोबा भावे विश्वविद्यालय की स्थिति 416 है. विश्वभर के विश्वविद्यालयों में विनोबा भावे विश्वविद्यालय का स्थान 8852 है. मनीष जायसवाल ने बताया कि आज भी झारखंड एवं विनोबा भावे विश्वविद्यालय कई मामलों में काफी पिछड़ा हुआ है. विश्वविद्यालय के 32 वर्ष की यात्रा पूरी करने के बाद यह बहुत उत्साहवर्धक नहीं है. हमें आज अपने विश्वविद्यालय को भारत के शीर्ष 10 विश्वविद्यालय की श्रेणी में लाने का संकल्प लेना होगा.
हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम भावी पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं: सुनील सिंह
विभावि में आयोजित कार्यक्रम में चतरा के सांसद सुनिल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 का विकसित भारत का जो सपना देखा है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय को प्राप्त केंद्रीय अनुदान इस सपने को पूरा करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने आगे कहा हमें यह सोचना है कि आने वाले पीढ़ी को हम क्या देकर जा रहे हैं. यही हमारी वर्तमान पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही है. शिक्षण संस्थान भविष्य के निर्माता होते हैं. यहां उदारता की और दूसरों के लिए काम करने की शिक्षा दी जानी चाहिए.