Loading election data...

विधायक अंबा प्रसाद के सामने उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, जनसभा में सैकड़ों लोग हुए शामिल

केरेडारी (हजारीबाग) : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लॉकडाउन के साथ धारा 144 लागू है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लॉकडाउन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश जारी कर चुकी हैं. वहीं, केरेडारी के पांडू में बिना सरकारी आदेश के जन सभा का आयोजन कर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ायी गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2020 7:37 PM
an image

केरेडारी (हजारीबाग) : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लॉकडाउन के साथ धारा 144 लागू है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लॉकडाउन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश जारी कर चुकी हैं. वहीं, केरेडारी के पांडू में बिना सरकारी आदेश के जन सभा का आयोजन कर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ायी गयी है.

Also Read: केरेडारी में धड़ल्ले से चल रहा अवैध कोयले का कारोबार, ट्रैक्टरों से रात भर होती है ढुलाई

यहां एनटीपीसी कोल परियोजना के कोयला ले जाने के लिए बनने वाले कनवेयर बेल्ट के कार्य को रोकने की रणनीति को लेकर जन सभा का आयोजन किया गया था. ग्रामीणों के बुलाने पर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद भी इस सभा में शामिल हुईं और लोगों को संबोधित भी किया. इस दौरान धारा 144 और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तार-तार कर दिया गया.

पुलिस बनी रही मूक दर्शक : पांडू में आयोजित ग्राम सभा के दौरान, केरेडारी के बेलतु पिकेट के पुलिसकर्मी बेंगवरी मोड़ के समीप गश्ती कर रहे थे. गश्ती स्थल से सभा स्थल महज 300 फिट दूरी पर स्थित है. फिर भी जन सभा की भीड़ पर पुलिसकर्मियों का ध्यान नहीं गया.

क्या कहना है विधायक का : लॉकडाउन में आयोजित जनसभा को लेकर बड़कागांव विधानसभा विधायक अंबा प्रसाद ने कहा सभा ग्रामीणों के द्वारा आयोजित की गयी थी. ग्रामीणों के आग्रह पर पांडू सभा स्थल हम पहुंचे, लोगों की भीड़ देखकर मैं किनारे खड़ी हो कर लोगों की बातें सुनी और तुरंत वापस हो गयी. विधायक ने कहा कि ग्राम पांडू से विभिन्न समस्या को लेकर लोग लगातार मुझसे संपर्क कर रहे थे. जिसके बाद स्थिति को समझने के लिए मैं पांडू पहुंची थी. मेरे पहुंचने की सूचना ग्रामीण को मिलते ही ग्रामीण अपनी-अपनी समस्याएं लेकर मेरे पास पहुंचने लगे. परंतु जब मैंने यह महसूस किया कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूट सकते हैं तो ग्रामीणों को समझाकर उनके आवेदनों लेकर उन्हें वापस घर भेज दिया.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha

Exit mobile version