हजारीबाग में करोड़ों खर्च के बाद भी अधूरी पड़ी हैं योजनाएं, लोगों को योजनाओं का नहीं मिल रहा है लाभ
हजारीबाग एवं चतरा जिले में करोड़ों खर्च के बाद भी कई ग्रामीण सड़कें, तालाब, पुल-पुलिया, स्कूल भवन, अस्पताल, सरकारी आवास, नहर, जलछाजन, पेयजल आपूर्ति योजना समय पर पूरी नहीं होने से बड़ी संख्या में लोग इसके फायदे से वंचित हैं
हजारीबाग एवं चतरा जिले में करोड़ों खर्च के बाद भी कई ग्रामीण सड़कें, तालाब, पुल-पुलिया, स्कूल भवन, अस्पताल, सरकारी आवास, नहर, जलछाजन, पेयजल आपूर्ति योजना समय पर पूरी नहीं होने से बड़ी संख्या में लोग इसके फायदे से वंचित हैं. ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, जिला परिषद, भवन प्रमंडल, लघु सिंचाई, पथ निर्माण, राष्ट्रीय जल छाजन योजना, ग्रामीण कार्य विभाग (आरइओ), जल पथ प्रमंडल, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन, भवन निर्माण निगम अन्य कई एजेंसी को दोनों जिले में विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी मिली है.
कई योजनाएं हैं लंबित :
दारू, टाटीझरिया, चलकुसा कटकमदाग एवं डाड़ी प्रखंडों में लगभग 20 करोड़ की लागत से बन रहे झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय का निर्माण कार्य चार वर्षों से लंबित है. मध्यम सिंचाई योजना के तहत लगभग 15 करोड़ की लागत से 11 प्रखंड बड़कागांव, बरकट्ठा, बरही, चौपारण, इचाक, केरेडारी, चलकुसा, पदमा एवं कटकमसांडी में 11 तालाबों का जीर्णोद्धार एवं निर्माण कार्य दो वर्षों से लंबित है.
शहर के बड़ा डाकघर रोड स्थित उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय का क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक (आरजेडीइ), टाउन हॉल से सटे नवाबगंज रोड स्थित क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी एवं पुराना समाहरणालय स्थित चबूतरा के बगल में स्थित सदर अनुमंडल क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का जीर्णोद्धार एक वर्ष से लंबित है. लगभग 26 लाख की लागत से इसे तीन माह में पूरा करना था.
31 दिसंबर 2021 को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (रांची) असैनिक कार्य प्रबंधक रतन श्रीवास्तव की ओर से राशि आवंटित की गयी थी. राष्ट्रीय जलछाजन योजना के अंतर्गत लगभग 20 करोड़ की लागत से बरसात के पानी का संरक्षण करने को लेकर सुदूरवर्ती कई गांवों में योजनाएं चलायी गयी हैं. किसानों को जलछाजन योजना का लाभ नहीं मिला है.
कई प्रखंड मुख्यालय परिसर में सरकारी क्वार्टर की मरम्मत, इसका निर्माण, जिला मुख्यालय सहित कई प्रखंडों में पेयजल आपूर्ति योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण, इसके रखरखाव, नहर, आहर, अस्पताल, पुल-पुलिया, पशु औषधालय सहित अन्य दर्जनों विकास कार्य लंबित हैं.