सात एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट की गयी
अफीम की खेती में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.
बेखौफ. पुलिस की कार्रवाई के बाद भी नहीं रुक ही है अफीम की खेती : अफीम की खेती छोड़ कर लोग वैकल्पिक रोजगार ढूंढे : पुलिस चौपारण. चौपारण अहरी गांव के वनभूमि पर सात एकड़ में लगी अफीम की खेती को पुलिस एवं वन विभाग ने संयुक्त कार्रवाई कर मंगलवार को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया. छापामारी दल को देखते ही अफीम के अवैध कारोबार में लगे लोग जंगल का लाभ उठा कर फरार हो गये. छापामारी दल का नेतृत्व कर रहे थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश ने बताया कि यह कार्रवाई वरीय अधिकारियों की सूचना पर की गयी. अफीम की खेती में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. पहचान के बाद कार्रवाई की जायेगी. बाहर के लोग करते हैं खेती : स्थानीय लोगों की मानें, तो चौपारण का वन प्रक्षेत्र एवं वन प्राणी आयश्रणी अफीम की खेती के लिए सेफ जोन बन चुका है. यहां के जंगल में बाहर से लोग आकर अफीम की खेती करते हैं और स्थानीय लोगों से दैनिक मजदूरी पर काम कराते है. इस कारोबार में झारखंड के अलावा बिहार के लोग शामिल है. थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश ने कहा ग्रामीण जीविकाेपार्जन का वैकल्पिक उपाय ढूंढे. अफीम जैसी नशीली फसल समाज एवं परिवार दोनों के लिए घातक हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफीम की खेती छोड़ कर जीवन बसर के लिए रोजगार का विकल्प ढूंढें. ज्ञात हो चौपारण पुलिस अफीम की खेती के विरुद्ध लगातार छापामारी कर रही है. इससे पूर्व भी अहरी में 10 एकड़ में लगी अफीम की खेती को पुलिस ने नष्ट कर दिया था. छापामारी में थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश, एसआई सुबिंद्र राम,वनकर्मी कुलदीप कुमार महतो, दीपक यादव, नरेश यादव, श्रवण कुमार दास, रेवा गंझू सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवान शामिल थे.
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