सावन में विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध है हरली शिव मंदिर
हरली पंचायत स्थित शिव मंदिर आस्था का प्रसिद्ध केंद्र है. यह मंदिर सावन में उपासना और आराधना के लिए कर्णपुरा क्षेत्र में विख्यात है.
अंग्रेजों के खिलाफ एकता बनाए रखने में काम आया था शिव मंदिर प्रतिनिधि, बड़कागांव हरली पंचायत स्थित शिव मंदिर आस्था का प्रसिद्ध केंद्र है. यह मंदिर सावन में उपासना और आराधना के लिए कर्णपुरा क्षेत्र में विख्यात है. इस मंदिर में भगवान शंकर, माता पार्वती की पूजा होती है. मंदिर की खासियत है कि यहां भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. लग्न के समय खूब शादी-विवाह होते हैं. मंडा पर्व मनाया जाता है. यह मंदिर बड़कागांव प्रखंड में सबसे ऊंची है. मंदिर की ऊंचाई 85 फीट है. पूर्व मुखिया बागेश्वर महतो ने बताया कि यह मंदिर 80 साल पहले अर्थात भारत की आजादी से पहले 1945 में स्थापित की गयी थी. उन्होंने बताया कि हरली पंचायत मुख्यालय से 500 गज दूर स्थित चुलरिया गढ़ा के पास भगवान शंकर का शिवलिंग लोगों को दिखाई दिया था. उस दौरान स्वतंत्रता सेनानी रामचरण महतो, मेघु महतो, तिलक महतो, घनू महतो के नेतृत्व में बाजे-गाजे के साथ शिवलिंग को लाकर मंदिर स्थल में स्थापित किया गया. उस समय कुछ दिनों के लिए पेड़ की डाली व लकड़ी का मंदिर बनाया गया था. यह मंदिर अंग्रेजों के खिलाफ एकता बनाए रखने के लिए भी काम आया था. 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिलने पर स्वतंत्रता सेनानी रामचरण महतो के नेतृत्व में इस मंदिर में पूजा हुई थी. मंदिर निर्माण में मुस्लिम समुदाय के राजमिस्त्री ने काम किया था. मंदिर निर्माण में झमन राणा, छात्रधारी महतो, बिगेश्वर महतो, भागीनाथ महतो, केवल महतो, परमेश्वर महतो, दासो महतो, गिरधारी महतो, माकुम महतो व हरली के 14 सीसीएल कर्मियों सहित गांव के लोगों ने तन, मन, धन से सहयोग किया था.
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