: परिजन और कंपनी के बीच सहमति नहीं बनने पर पांच अक्तूबर को शव को मुर्दाघर हजारीबाग में रखा गया
विष्णुगढ़, हजारीबाग. मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर कैमरून में मृत प्रवासी मजदूर का अंतिम संस्कार विष्णुगढ़ थाना में दो दिन रखने के बाद भी नहीं किया जा सका. यह मामला विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के जोबर गांव के पारटांड़ का है. मजदूर 31 वर्षीय खेमलाल महतो की मौत 26 सितंबर को कैमरून में हो गयी थी. वह ट्रांसमिशन लाइन बनाने वाली कंपनी ट्रांसरेस लाइटिंग लिमिटेड की कंपनी में काम करता था. इस मजदूर को पांच सितंबर को भारत से ट्रांसमिशन में काम करने के लिए कैमरून ले गया था. प्रवासी मजदूर की मौत के बाद ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से बीमा दावा के तहत साढ़े तीन लाख, डेढ़ लाख अतिरिक्त मुआवजा और अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपये दी जा रही है.
मुआवजा के लिए थाने के बाहर पड़ा रहा शवखेमलाल महतो का शव तीन अक्तूबर को कैमरून से विष्णुगढ़ थाना लाया गया. शव को ले जाने और अंतिम संस्कार करने के लिए विष्णुगढ़ थाना पुलिस ने परिजनों को सूचित किया. 48 घंटे तक शव थाना के बाहर एंबुलेंस में पड़ा रहा. पांच अक्तूबर को शव को सुरक्षित रखने के लिए हजारीबाग मुर्दाघर भेज दिया गया. परिजनों की मांग है कि ट्रांसमिशन कंपनी कम मुआवजा दे रही है. मृतक के कई दस्तावेज अब तक नहीं मिले हैं
शव लाने की सूचना नहीं दी गयीमृतक की पत्नी धनेश्वरी देवी ने बताया कि 26 सितंबर को खेमलाल की मौत के बाद हमें शव लाने संबंधी किसी तरह की जानकारी नहीं दी गयी. तीन अक्तूबर को विष्णुगढ़ थाना की ओर से हमें बताया गया कि खेमलाल का शव आ गया है. शव के साथ कई जरूरी दस्तावेज गायब थे. कंपनी मात्र पांच लाख रुपये मुआवजा दे रही है. मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. बच्चे की परवरिश कैसे होगी, यह कंपनी सुनिश्चित नहीं कर रही है. परिजन कंपनी से 30 लाख मुआवजा की मांग कर रहे हैं.
थाना प्रभारी ने सागेन मुर्मू ने बताया कि तीन अक्तूबर को कैमरून से शव विष्णुगढ़ पहुंच गया है. इसकी सूचना परिजनों को दे दी गयी. कंपनी और परिजनों के बीच मुआवजा राशि को लेकर विवाद है. परिजन मुआवजा की राशि पूरी नहीं मिलने के कारण शव नहीं ले जा रहे हैं. पांच अक्तूबर को शव को ट्रांसमिशन कंपनी ने मुर्दाघर में रख दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है