तिलैया जलाशय में मछलियों के रोगाणु को जांच के लिए लिये नमूने

तिलैया जलाशय के केज कल्चर में मछलियों के स्वास्थ्य की स्थिति और रोगाणु रोधी प्रतिरोध की जांच की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 7:06 PM

हजारीबाग.

तिलैया जलाशय के केज कल्चर में मछलियों के स्वास्थ्य की स्थिति और रोगाणु रोधी प्रतिरोध की जांच की गयी. बुधवार को नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेस लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ गौरव राठौर और डॉ चंद्रभूषण कुमार पहुंचे. वैज्ञानिकों ने जलाशय में लगे केजों से मछलियों के नमूने एकत्रित किया. मछली पालकों को मछलियों के स्वास्थ्य व रोगाणुरोधी प्रतिरोध से संबंधित जानकारी ली. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह पहल रोगाणु रोधी प्रतिरोध (एएमआर) के अध्ययन और नियंत्रण के उद्देश्य से की जा रही है, ताकि मछलियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और जलाशय आधारित मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया जा सके. जांच से यह पता लगाया जायेगा कि मछलियों में एंटीबायोटिक दवाओं का क्या प्रभाव कम हो रहा है, जिससे भविष्य में मछलियों की प्रजनन दर और उत्पादन में कमी आ सकती है. डॉ राठौर ने मछली पालकों को मछलियों के स्वस्थ जीवन और रोग नियंत्रण के उपायों पर जागरूक किया. उन्होंने किसानों को एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में सावधानी बरतने और जैव सुरक्षा उपाय अपनाने की बातें कहीं. हजारीबाग जिला प्रशासन और मत्स्य विभाग ने इस प्रयास में पूरा सहयोग दिया.

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