नये श्रम संहिता कानून से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा : मिथिलेश

केंद्र सरकार की आर्थिक और जनविरोधी नीतियों के कारण लोगों को हो रही परेशानियों और चार श्रम संहिता के विरोध में बुधवार को भारतीय ट्रेड यूनियन सीआइटीयू जिला इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 5:06 PM

भारतीय ट्रेड यूनियन सीआइटीयू जिला इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के सामने दिया धरना

प्रतिनिधि, हजारीबाग

केंद्र सरकार की आर्थिक और जनविरोधी नीतियों के कारण लोगों को हो रही परेशानियों और चार श्रम संहिता के विरोध में बुधवार को भारतीय ट्रेड यूनियन सीआइटीयू जिला इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष देवनाथ महली, संचालन उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू ने किया. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मिथलेश सिंह ने कहा कि कर्मचारियों व मजदूराें ने सरकार के खिलाफ वोट देकर अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल चार श्रम संहिता को समाप्त करने की मांग की. उन्होंने कहा कि नये श्रम कानून से मजदूरों का कार्य अवधि बढ़ेगा. साथ ही वेतन में कटौती होगी और सभी तरह के कल्याणकारी सुविधाओं से मजदूर वंचित हो जायेंगे. इस कानून से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा. धरना के माध्यम से मांग की है कि आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, सहिया, रसोइया, आशा वर्कर, स्कीम वर्कर, पूरे देश में करोड़ों की संख्या में काम कर रहे हैं. इन कर्मियों का वेतन बढ़ाने की मांग की गयी है. बीमा कर्मचारी संघ के जेसी मितल ने कहा कि केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों को बर्बाद कर रही है. हमारा संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है. अंत में 10 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त हजारीबाग के माध्यम से प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री भारत सरकार को दिया गया. धरना में जिला सचिव धनेश्वर तुरी, गुलाब साहब, गौतम बैनर्जी, लक्ष्मी नारायण सिंह, तपेश्वर राम, सुरेश कुमार दास, रमेश महली, दशरथ करमाली, कामेश्वर महतो, मोहम्मद नासिर खान, फहीम अंसारी, डीवीसी श्रमिक यूनियन के विजय चौधरी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के त्रिलोकी कुमार, अखिलेश मिश्रा, शंभू कुमार, कामेश्वर महतो ने संबोधित किया.

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