हहारो नदी में समा गयी सात एकड़ खेती योग्य जमीन
खैरातरी के हाहारो नदी किनारे स्थित किसानों की जमीन पानी की तेज गति के कारण गहरा कटाव हो गया.
बड़कागांव.
खैरातरी के हाहारो नदी किनारे स्थित किसानों की जमीन पानी की तेज गति के कारण गहरा कटाव हो गया. लगभग सात एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी की तेज धारा में समाहित हो गयी. इस जमीन पर धान, मकई, भिंडी, कच्चू और ओल की खेती हुई थी. फसल समेत खेती की जमीन नदी में समा गयी. इस कटाव से हाहारो नदी किनारे स्थित किसानों को भारी नुकसान हुआ है. खैरातरी गांव के 85 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. फसल बह जाने से किसानों को आर्थिक नुकसान तो हुआ ही, काफी मात्रा में जमीन का हिस्सा भी नष्ट हो गया. इस संबंध में खैरातरी निवासी किसान देवदत्त महतो ने बताया कि सांसद मनीष जायसवाल, विधायक अंबा प्रसाद और उपायुक्त को संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन देकर भूमि को बचाने के लिए गार्डवाल की मांग की है. ज्ञापन में बताया कि छवनियां पुल से लेकर हरिनाथ महतो के खेत रूड़ीटांड़ तक गार्डवाल बनाये जाने से फसल लगी जमीन बच सकती हैं. किसानों ने फसलों के नुकसान होने पर मुआवजे की मांग की है. बताया कि दर्जनों किसान का एक कट्ठा से लेकर पांच कट्ठा तक का खेत नदी की तेज बहाव के कारण बह गया. लगभग आठ लाख रुपये की फसल और 14 लाख रुपये की जमीन का नुकसान हुआ है.इन किसानों की जमीन का हुआ कटाव :
सुधु महतो, राजपाल महतो, हरिनाथ महतो, चेतलाल महतो, शिवनाथ महतो, केदार महतो, बरजू महतो, हरदयाल महतो, इंद्र महतो, संजय महतो, भुनेश्वर प्रसाद, महावीर महतो, नारायण महतो, बैजनाथ महतो, तुलसी महतो, प्यारी महतो, प्रभु महतो, पचल महतो, भागल महतो, जंगल महतो, रति महतो, पुखन महतो, लखन महतो, मनोहर महतो, कामेश्वर महतो, बालेश्वर महतो की जमीन नदी में समाहित हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है