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विभावि की कार्यशैली चिंताजन, नैक मूल्याकन में होंगे पीछे : संघकुलपति को नही दी जा रही हैं जानकारी : स्नातकोत्तर शिक्षक संघअब संघ का शिष्टमंडल कुलपति को जानकारी देगा

विभावि स्नातकोत्तर शिक्षक संघ की बैठक आर्यभट्ट सभागार में हुई. अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता और संचालन संघ के सचिव डॉ विनोद रंजन ने किया.

कुलपति को नहीं दी जा रही विभावि के रुके कार्य और छात्रहित में लिए निर्णय की जानकारी

आर्यभट्ट सभागार में विभावि स्नातकोत्तर शिक्षक संघ की बैठक

प्रतिनिधि, हजारीबाग

विभावि स्नातकोत्तर शिक्षक संघ की बैठक आर्यभट्ट सभागार में हुई. अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता और संचालन संघ के सचिव डॉ विनोद रंजन ने किया. संघ ने विभावि की कार्यशैली पर चिंता जताते हुए निर्णय लिया कि विभावि के रुके कार्य और छात्रहित में लिए निर्णय की जानकारी विभावि के पदाधिकारी कुलपति को नहीं दे रहे हैं. अब संघ ऐसे कार्यों को सूचिबद्ध कर कुलपति को जानकारी देगा. संघ ने कुछ बिंदुओं को उजागर किया है. कुलपति व शिक्षकों के बीच दूरी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है अभी तक कुलपति को प्रेस वार्ता करने नहीं दिया गया. विभागाध्यक्षों के साथ हुई बैठक के प्रस्ताव अभी तक अधिसूचित नहीं किए गए हैं. लगभग एक महीना पूर्व आयोजित विवि शोध परिषद की बैठकों के निर्णय को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है. विद्यार्थी स्कॉलरशिप के आवेदन से वंचित हो रहे हैं.

ग्रेडिंग हो सकती है प्रभावित :

अभी तक पिछले नैक मूल्यांकन की समीक्षा बैठक नहीं की गयी है. अगले नैक मूल्यांकन की तैयारी भी शुरू नहीं की गयी. इससे विश्वविद्यालय का अगला ग्रेडिंग भी प्रभावित हो सकता है. स्थापना दिवस समारोह के आयोजन की समीक्षा बैठक नहीं की गयी. छात्रावास और अतिथि भवन के लगातार बंद रहने पर चिंता जतायी गयी. इससे छात्राएं महंगे दरों पर निजी लॉज में रहने को बाध्य हो रहे हैं. बाहर से आये शोधार्थियों को होटल में खर्च करना पड़ रहा हैं. टेंडर प्रक्रिया से आवंटित कैंटीन व्यवस्था को भी तहस-नहस किए जाने पर शिक्षकों ने अफसोस जताया.

संघ ने तैयार की सूची, कई मामले में पीछे है विवि के कार्य :

शिक्षकों का छठा वेतनमान के तहत वेतन निर्धारण का कार्य अभी तक नहीं हुआ है. अपने स्व साथियों के आश्रितों को पेंशन आदि लाभ की राशि जल्द उपलब्ध नहीं हो रही है. विवि परिसर में बने जनजातीय अध्ययन केंद्र के भवन में किसी प्रकार का कोई अध्ययन-अध्यापन का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाना अत्यंत दुखद है. महिला छात्रावास भी शुरू नहीं हुआ है. विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में व कॉलेजों में शिक्षकों की घोर कमी है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय के विषयवार स्नातकोत्तर के टॉपर व डीट के टॉपर की नियुक्ति में विलंब होना दुर्भाग्यपूर्ण है. आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विवि को राज्य सरकार व राजभवन से निर्देश प्राप्त हो चुके हैं. बावजूद इसके नियुक्तियों को लेकर धीमी गति से पहल हो रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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