आठ दिनों तक अपराधियों ने परशुराम की थी रेकी हजारीबाग. विष्णुगढ़ लक्ष्मी नर्सिंग होम संचालक परशुराम प्रसाद के पूर्व पार्टनर ओमप्रकाश गुप्ता ने अपराधियों को तीन लाख की सुपारी देकर हत्या करायी थी. इसकी जानकारी शुक्रवार को हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में दी. नर्सिंग होम संचालक परशुराम प्रसाद की हत्या मामले मे मुफस्सिल पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें चतरा जिला के टंडवा के धनगड्डा निवासी विक्की पासवान (पिता हीरा पासवान), बड़कागांव नापो खुर्द के उमेश साहू (पिता मुंशी साव), चतरा के इटखोरी थाना क्षेत्र के नवादा गांव के ओमप्रकाश गुप्ता (पिता रामवृक्ष साव) और बड़कागांव नापोखुर्द के संजय साव शामिल हैं. परशुराम और ओमप्रकाश दोनों नर्सिंग के पार्टनर थे : एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि 2018 के पूर्व मृतक परशुराम और ओमप्रकाश गुप्ता दोनों कोर्रा में पार्टनरशिप मे आर्या नर्सिंग होम का संचालन करते थे. दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना था. 2018 के बाद दोनों का पार्टनरशिप खत्म हो गया. इसके बाद परशुराम प्रसाद विष्णुगढ़ में लक्ष्मी नर्सिंग होम खोल कर संचालन करने लगा. इसी बीच नशीली दवा बेचने के आरोप में कोर्रा पुलिस ने परशुराम प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एसपी ने बताया कि परशुराम के गिरफ्तार होने के बाद ओमप्रकाश गुप्ता परशुराम के घर आने जाने लगा. इस बीच ओमप्रकाश का मृतक परशुराम की पत्नी के साथ अवैध संबंध हो गया. जेल से बाहर आने के बाद परशुराम विष्णुगढ़ स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम आने जाने लगा. परशुराम आये दिन ओमप्रकाश गुप्ता के आर्या मेडिकल दुकान में बैठता था. किसी सूत्र से परशुराम को जानकारी हुई कि ओमप्रकाश गुप्ता का अवैध संबंध उसकी पत्नी के साथ है. परशुराम की पत्नी ने ओमप्रकाश को बताया दिया कि हमदोनों के बीच के संबंध की जानकारी मेरे पति को हो गयी है. इसके बाद ओमप्रकाश अपने पार्टनर परशुराम को रास्ते से हटाने की योजना बनायी. परशुराम की हत्या के लिए तीन लाख का सुपारी दी गयी : हजारीबाग एसपी ने कहा कि गिरफ्तार संजय साव ने पुलिस को बताया कि परशुराम प्रसाद की हत्या कराने के लिए ओमप्रकाश मुझसे मिला. उसने बताया कि परशुराम की हत्या के लिए ओमप्रकाश ने तीन लाख रुपया में सौदा किया. परशुराम को मारने के लिए विक्की पासवान, उमेश पांडेय, धनु पासवान एवं उमेश्वर साहू की एक टीम बनायी गयी. सात अगस्त की शाम दो आरोपी संजय साव और उमेश्वर साहू कोर्रा में परशुराम की रेकी कर रहे थे. परशुराम अपनी बाइक से लाखे न्यू काॅलोनी स्थित किराये के मकान में जा रहा था. इसी क्रम में उमेश पांडेय, विक्की पासवान और धनु पासवान एक बाइक से परशुराम का पीछा किया. जैसे ही परशुराम लाखे बगीचा के पास पहुंचा, वैसे तीनों ने परशुराम पर गोलियों की बौछार कर हत्या कर दी आठ दिनों से परशुराम की अपराधी कर रहे थे रेकी : एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि ओम प्रकाश गुप्ता ने सभी अपराधियों को कोर्रा बुलाया और परशुराम की पहचान अपराधियों से करायी. आठ दिनों तक यह अपराधी परशुराम की रेकी करते रहे. सात अगस्त की शाम को परशुराम की हत्या करने में अपराधी सफल हुए. परशुराम की हत्या में छह अपराधी शामिल थे. इनमें एक अपराधी उमेश कुमार पांडेय को 17 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि एक अपराधी धनु पासवान को चतरा पुलिस ने नौ सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बता दें कि सात अगस्त की देर शाम लक्ष्मी नर्सिंग होम संचालक परशुराम प्रसाद को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. छापामारी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी : नर्सिंग होम संचालक की हत्या करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी में मुफस्सिल थाना प्रभारी कुणाल किशोर, एसआई जितेंद्र भगत, सत्यम, सिद्धनाथ कुमार, साकेश कुमार व शस्त्रबल शामिल थे.
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