दारू.
जंगली हाथी पिछले 15 दिनों से बीमार है. इसका पर्याप्त इलाज नहीं होने के कारण दिन प्रतिदिन हाथी कमजोर होता जा रहा है. शनिवार को यह हाथी दारू के जरगा जंगल में अचेत अवस्था में लेटा हुआ मिला. जंगल में बीमार हाथी को सोते देख ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम बीमार हाथी के पास पहुंची. चिकित्सकों के निर्देश पर गर्म पानी को उनके पैरों में दिया गया. इसके बाद हाथी उठकर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा. यह हाथी टाटीझरिया के खैरा गांव की ओर निकल गया. जानकारी के अनुसार यह हाथी इन दिनों गांवों और घरों में घुसने को लेकर चर्चित था, लेकिन पिछले 15 दिनों से यह हाथी बीमार है. पैर में जख्म होने के कारण सही से नहीं चल पा रहा है. एक सप्ताह पूर्व दारू वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों ने कैला के कांधी में दवा मिलाकर खिलाया था. पश्चिमी वन प्रमंडल के डीएफओ ने बताया कि जख्मी हाथी को आराम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है. ग्रामीण की भीड़ बीमार हाथी के पास पहुंच जाने के कारण उन्हें बार-बार अपना स्थान बदलना पड़ रहा है. बीमार हाथी को इलाज के लिए जमशेदपुर के सीनियर वेटनरी डॉक्टर रविवार को इलाज करेंगे. बीमार हाथी के इलाज के लिए देश के कई वाइल्ड लाइफ चिकित्सकों के संपर्क में है. उनके द्वारा दी गयी सलाह का पालन किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है