राजनीति में बीत गया समय, रह गयी 35 करोड़ की राशि अधर में लटकी रही कई योजनाएं

राजनीति में बीत गया समय, रह गयी 35 करोड़ की राशि अधर में लटकी रही कई योजनाएं

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2020 12:05 AM

सलाउद्दीन, हजारीबाग : हजारीबाग नगर निगम में विभिन्न विकास योजनाओं के लिए लगभग 35 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है. इस राशि का उपयोग कर इन योजनाओं को शुरू कराना आयुक्त के लिए चुनौती है. इन राशि में पांच करोड़ रुपया 15वें वित्त आयोग का नगर निगम के पास पड़ा हुआ है. यह राशि केंद्र सरकार से नगर निगम को उपलब्ध करायी है. इस राशि से हजारीबाग का मुख्य नाला समेत ड्रेनेज सिस्टम का गार्डवाल बनाना है, लेकिन यह काम शुरू नहीं हुआ है.

वहीं 14 करोड़ की राशि झारखंड नगर विकास विभाग से उपलब्ध हुआ है. सात करोड़ रुपया नागरिक सुविधा और सात करोड़ शहरी परिवहन के मद में आया है. इस 14 करोड़ की राशि से विभिन्न वार्डों में नालियों का निर्माण और वार्डों में सड़क का निर्माण होना है, लेकिन दोनों योजनाओं का काम शुरू नहीं हो पाया है.

काम नहीं होने से पैसा वापस हुआ: हजारीबाग नगर निगम की विडंबना है कि मेयर, उपमेयर एवं वार्ड पार्षद आपस में लड़ रहे हैं. नये-नये अधिकारी आ रहे हैं. स्थानांतरण भी हो रहे हैं. इस बीच करोड़ों रुपया योजना पर काम नहीं होने से राशि सरकार को वापस चली जा रही है. हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में 14वें वित्त आयोग की राशि से बनने वाले तीन सामुदायिक शौचालय का करोड़ों रुपया वापस चला गया है. हजारीबाग के लिए सबसे महत्वपूर्ण योजना अंतरराज्यीय बस अड्डा का काम शुरू नहीं हुआ. इस कारण ढाई करोड़ रुपया सरकार को वापस चला गया. विभिन्न योजनाओं की सिक्यूरिटी डिपॉजिट पांच प्रतिशत की राशि का 30 करोड़ से अधिक ट्रेजरी में पड़ी है. इस राशि से शहर के विभिन्न सड़क व नाली की मरम्मति होनी है, लेकिन नहीं हो पा रही है.

नहीं हुआ चौक-चौराहों का सुंदरीकरण

इसके अलावा दो करोड़ की राशि शहर के चौक-चौराहों के सुंदरीकरण के लिए 14वें वित्त आयोग से नगर निगम के पास उपलब्ध है. इससे हजारीबाग शहर के 36 चौक-चौराहों का सुंदरीकरण होना है. राशि रहने के बाद भी काम शुरू नहीं होना अब तक की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है. इतना ही नहीं ढाई करोड़ रुपया कालीबाड़ी डेली मार्केट के लिए उपलब्ध है. इस राशि से जी-पल्स-टू-मार्केट बनना है. यह राशि भी पड़ी हुई है. इसके अलावा आठ करोड़ रुपया 15 वार्डों में विकास केंद्र बनाने के लिए आया हुआ है. पहले चरण में 36 वार्ड में से 15 वार्ड को लिया गया है. प्रत्येक वार्ड में 33-33 लाख की लागत से विकास केंद्र बनना है, लेकिन यह काम भी शुरू नहीं हुआ.

Post by : Pritish Sahay

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