दो ग्रेजुएट कृषि कार्य कर बने आत्म निर्भर
हजारीबाग जिला के सदर प्रखंड मोरांगी गांव के दो ग्रेजुएट युवक कृषि कार्य कर आत्म निर्भर बनें.
सालाना कर रहे हैं लाखों की आमदनी 25हैज1में- खेत में मजदूरों से तरबूज की तुड़ाई ,युवा किसान अभिषेक जानकारी देते शंकर प्रसाद हजारीबाग. हजारीबाग जिला के सदर प्रखंड मोरांगी गांव के दो ग्रेजुएट युवक कृषि कार्य कर आत्म निर्भर बनें. दोनों युवक सालाना लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं. गांव और आसपास के 25- 30 लोगों को रोजगार दिया. तीन एकड़ जमीन पर तरबूज लगाकर सात लाख की आमदनी युवक अभिषेक कुमार और महेंद्र कुमार मोरांगी गांव के तीन एकड़ भूमि पर तरबूज की खेती की है. पटवन के लिए ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल किया है. अभिषेक कुमार ने बताया कि इस महीना में 60 टन तरबूज बेची गयी है. प्रति टन 12 हजार रुपये तरबूज बेचा गया है. जिससे 720000 की आमदनी हुई. लगभग 30 टन तरबूज खेत से और निकलेगा.अभिषेक ने बताया कि तीन एकड़ भूमि पर तरबूज लगाने में मात्र दो लाख की लागत आयी है. 12 हजार सालाना भाड़े पर भूमि लिया युवा किसान ने बताया कि 12 हजार रुपये प्रति एकड़ जमीन भाड़े पर लिया हूं. अभिषेक ने बताया कि ग्रेजुएट करने के बाद बेरोजगार हो गया था. वह कहता है कि रोजगार की तलाश में उम्र गुजर जायेगा. सोचा कि खुद रोजगार का सृजन करूं और रोजगार से जुडूं. अभिषेक और महेंद्र ने संयुक्त रूप से खेती कर अपना रोजगार का जरिया बनाया. दोनों जमीन भाड़े की जमीन पर खीरा, टमाटर ,कद्दू और तरबूज लगाया. युवा किसान ने बताया कि पूरे मार्च महीना और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में लगभग दो से ढाई लाख रुपये का खीरा बेचे. खंभा टांड स्थित तीन एकड़ में टमाटर लहलहा रहा है. टमाटर से 10- 12 लाख तक की आमदनी होने की संभावना है. इस प्रकार दोनों युवा पार्टनर को सालाना दस- बारह लाख का आमदनी हो जाती है. दोनों युवा का काम अलग अलग बंटा हुआ है. एक बाजार का काम देखता है और दूसरा खेत का. दोनों इस काम से काफी खुश रहते हैं.
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