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बेमौसम बारिश से बड़कागांव में करीब 30 लाख के फसलों का नुकसान, खेतों में पानी भर जाने से सब्जियां हो रही बेकार

बेमौसम बारिश ने प्रखंड के किसानों की कमर तोड़ दी है. बेमौसम बारिश से करीब 30 लाख के फसलों के नुकसान का अनुमान है. एक तो लॉकडाउन के कारण किसानों द्वारा उत्पादित तैयार फसल निर्यात नहीं हो सका, वहीं बेमौसम बारिश ने उनकी मेहनत पर पूरी तरह से पानी फेर दिया.

By Panchayatnama | April 28, 2020 4:07 PM

संजय सागर

बड़कागांव (हजारीबाग) : बड़कागांव प्रखंड के किसान इन दिनों एक साथ दोहरी मार से झेल रहे हैं. एक तो लॉकडाउन के कारण लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं, वहीं बेमौसम बारिश ने प्रखंड के किसानों की कमर तोड़ दी है. बेमौसम बारिश से करीब 30 लाख के फसलों के नुकसान का अनुमान है. एक तो लॉकडाउन के कारण किसानों द्वारा उत्पादित तैयार फसल निर्यात नहीं हो सका, वहीं बेमौसम बारिश ने उनकी मेहनत पर पूरी तरह से पानी फेर दिया.

लॉकडाउन के कारण तैयार फसल की बिक्री नहीं होने पर किसान उसे औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. पिछले दो दिन से मौसम बारिश ने क्षेत्र के किसानों को परेशानी में डाल दिया है. बारिश के कारण जहां खेतों में पानी जमा हो गये हैं, वहीं खेतों में लगे पत्ता गोभी, फूलगोभी, कद्दू, खीरा, मिर्च, मकई, बैंगन, धनिया, पुदीना, लहसुन, फरसबीन, मूली, गाजर आदि सब्जियां खराब होने लगे हैं. .

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सफल कृषक कोरियाडीह (कृषक चौक) निवासी दशरथ कुमार का कहना है कि बड़कागांव प्रखंड कृषि बहुल क्षेत्र है. यहां लगभग 70 फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं. लेकिन, बेमौसम बारिश से सब्जियां समेत अन्य फसल फसल बर्बाद हो गये हैं. उन्होंने कहा कि पूरे प्रखंड में लगभग 25 से 30 लाख के फसलों का नुकसान हुआ है. काडतरी निवासी कृषक धर्मनाथ कुमार का कहना है कि एक तरफ हम महामारी की मार से झेल रहे हैं, वहीं अब हम बेमौसम बारिश को भी झेलने को मजबूर हो रहे हैं.

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क्षेत्र के प्रगतिशील किसान ज्ञानी महतो, जागेश्वर महतो, मुरारी महतो ने कहा है कि बेमौसम बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है. इस कारण खेतों में लगे फसल सड़ जायेंगे. इससे हमारी पूंजी तक भी नहीं निकलेगी. किसानों का कहना है कि इसके पहले भी फसलों को नुकसान हुआ है. लेकिन, आज तक उसका मुआवजा नहीं मिला है. अब तो एक साथ दोहरी मार ने हमें पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस विषम परिस्थिति में मुआवजा देकर कुछ सहयोग करें, ताकि हम भी अपना जीवन यापन किसी तरह कर सकें.

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