हजारीबाग में अधिकारियों की लापरवाही से टीकाकरण में परेशानी, जानें क्या है पूरा मामला
टीका लेने के लिए पंचायत के डुमर, सरौनी खुर्द, सरोनी कला और चुटियारो गांव में शाम को लाउडस्पीकर से प्रचार-प्रसार किया गया. केंद्र पर टीका लगवाने का समय 10.30 बजे लोगों को बताया गया. यह जानकारी मीडिया के जरिये भी पंचायत के लोगों को दी गयी. टीका लेने 45 साल से अधिक उम्र के दर्जनों महिला-पुरुष समयानुसार पहुंचे. लेकिन 11.30 बजे तक न तो कोई चिकित्सक केंद्र पर पहुंचे और न ही कोई अधिकारी.
हजारीबाग : सरकार एक ओर कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने में सरकारी खजाने को खर्च करने में कंजूसी नहीं कर रही है, वहीं उसके जिम्मेदार अधिकारी बरतने में कोई अवसर हाथ से निकलने नहीं देना चाहते हैं. मामला चुटियारो पंचायत का है. रविवार को उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरौनी में कोविशिल्ड का टीकाकरण होना था.
टीका लेने के लिए पंचायत के डुमर, सरौनी खुर्द, सरोनी कला और चुटियारो गांव में शाम को लाउडस्पीकर से प्रचार-प्रसार किया गया. केंद्र पर टीका लगवाने का समय 10.30 बजे लोगों को बताया गया. यह जानकारी मीडिया के जरिये भी पंचायत के लोगों को दी गयी. टीका लेने 45 साल से अधिक उम्र के दर्जनों महिला-पुरुष समयानुसार पहुंचे. लेकिन 11.30 बजे तक न तो कोई चिकित्सक केंद्र पर पहुंचे और न ही कोई अधिकारी.
इसी बीच ग्राम प्रधान शांति देवी ने जब इसकी जानकारी ली तो सदर बीडीओ ने बताया कि स्टॉक में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. को वैक्सीन का टीकाकरण होगा. अचानक मिली सूचना के बाद काफी संख्या में आये लोग निराश होकर वापस घर लौटने लगे. हकीकत तो यह है कि केंद्र पर अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के लोग 11.45 बजे पहुंचे. ग्राम प्रधान ने बताया कि इस तरह का मामला हर बार टीका लगाने आये लोगों के साथ होती है.
लोगों का टीका लगवाने को लेकर मनोबल टूट रहा है. उनका कहना है कि टीका के लिए जो भी दवा भेजना है, पहले इसकी स्पष्ट जानकारी के साथ दूसरे डोज वालों की सूची भेजें. इससे न तो टीका के लिए दूर दराज से आने वाले व्यक्ति को परेशानी होगी न ही एएनएम, सहिया और सेविका को परेशानी होगी. लोगों को टीकाकरण संबंधी सही जानकारी होने पर ही सरकार के महामारी फैलने से रोकने के अभियान को सफलता मिलेगी.