हजारीबाग.
विभावि के विधि महाविद्यालय ने सोमवार को नये आपराधिक कानून विधेयक से क्रियान्वयन तक कार्यशाला हुई. शुरुआत एक दिन, एक विश्वविद्यालय अभियान के तहत किया गया. मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण प्रभात थे. उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, जिन्हें क्रमशः भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस व भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) से प्रतिस्थापित किया गया है. यह एक जुलाई 2024 से लागू हो गया है. अधिवक्ता निवेदिता ने कहा कि पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम में साइबर अपराधों को ठीक करने व डिजिटल साक्ष्य को मान्यता देने के लिए परिवर्तन में शामिल किये गये हैं. अब, सामग्री भेजने, संग्रहीत करने और प्राप्त करने के लिए उपयोग किये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में माना जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है