रामशरण शर्मा इचाक. घने जंगल के बीच बसा इचाक प्रखंड के डाढा पंचायत का आरा गांव के ग्रामीण आरा सोती में लकड़ी का पुलिया बनाकर गांव को टापू बनने से तो बचा लिया, पर गांव तक जाने के लिए जंगली कच्ची सड़क थोड़ी सी बारिश होते ही कीचड़ युक्त हो गयी है. जिस कारण विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों, बीमार व्यक्तियों का इलाज समेत बाजार, प्रखंड व जिला मुख्यालय जाने में ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. ऐसी स्थिति में वन भूमि पर बनी सड़क पर वन विभाग के द्वारा करीब एक माह पूर्व ट्रेंच खोद देने के कारण उत्पन्न हुई है. आरा गांव के ग्रामीण पहले मंडपा फुफंदी चौक होकर आना जाना करते थे. जब वन विभाग के द्वारा सड़क को काटकर अवरुद्ध कर दिया गया इसके बाद ग्रामीणों ने सर्वे रोड पोखरिया से आरा गांव को मुख्य मार्ग बना लिया. लेकिन जंगली मार्ग के बीच आरा सोती में बारिश की पानी से बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए ग्रामीणों ने श्रमदान कर लकड़ी का पुलिया बना दिया. इस पुलिया से ग्रामीणों के समक्ष नाले में बाढ़ की परेशानी तो टली. पर कीचड़ युक्त सड़क से निजात कैसी मिलेगी यह चिंता हर ग्रामीणों को सता रही है. वन समिति के अध्यक्ष _ अध्यक्ष सुनील पांडेय ने कहा रास्ते बनवाने को लेकर प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है की बरसात के बाद आरा से पोखरिया पीडब्ल्यूडी रोड़ तक पथ का निर्माण कार्य शुरू होगा.
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