ग्रामीणों ने श्रमदान कर बांस और लकड़ी से बनाये चचरी पुल, 4 गांव के लोगों को मिली राहत
Jharkhand news, Hazaribagh news : हजारीबाग जिला अंतर्गत चरही में वर्षों से पुल की मांग करते आ रहे ग्रामीणों ने श्रमदान कर बांस और लकड़ी से एक चचरी पुल बना डाला. 4 गांवों के आदिवासी महिला-पुरुषों ने मिलकर करीब 200 मीटर चचरी पुल और आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण कर दिया. कई वर्षों से निर्माण की आस लिए बैठे ग्रामीणों का सब्र का बांध टूटा और एकजुट होकर श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कर दिया.
Jharkhand news, Hazaribagh news : चरही (आनंद सोरेन) : हजारीबाग जिला अंतर्गत चरही में वर्षों से पुल की मांग करते आ रहे ग्रामीणों ने श्रमदान कर बांस और लकड़ी से एक चचरी पुल बना डाला. 4 गांवों के आदिवासी महिला-पुरुषों ने मिलकर करीब 200 मीटर चचरी पुल और आधा किलोमीटर सड़क का निर्माण कर दिया. कई वर्षों से निर्माण की आस लिए बैठे ग्रामीणों का सब्र का बांध टूटा और एकजुट होकर श्रमदान से चचरी पुल का निर्माण कर दिया.
मूलभूत सुविधा से वंचित है आदिवासी गांव पैसारा टोलाचुरचू प्रखंड के चुरचू पंचायत अंतर्गत ग्राम बाली टोला और पौसारा टोला आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित है. पौसारा टोला, तालाटोला, पिपराबेड़ा एवं बेलवातरी गांव में लगभग 100 घरों में करीब एक हजार संताल आदिवासी परिवार रहते हैं. उक्त गांव में सड़क, पुल- पुलिया का अभाव है. पुल नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में गांव पूरी तरह से कट जाती है. गांव में लोगों का आवागमन बंद हो जाता है. गांव जाने के लिए पौसारा टोला और तालाटोला के ग्रामीणों को बगजोबरा की ओर से मजबूरन एक संकीर्ण कच्चे रास्ते का सहारा लेना पड़ता है.
गांव के उपमुखिया सहदेव किस्कू एवं समाजसेवी गुरुदयाल हांसदा ने कहा कि कई वर्षों से सांसद, विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समक्ष पौसरा टोला एवं तालाटोला के ग्रामीण मांग करते आ रहे हैं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. चुनाव आता है तब गांव में आकर झूठा आश्वासन दिया जाता है. चुनाव जीतने के बाद कोई भी गांव नहीं आते हैं. गांव में आज भी सड़क, पुल- पुलिया एवं सिंचाई का अभाव है. श्रमदान कर पुल और सड़क बनने से लगभग 4 गांवों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी.
श्रमदान कर सड़क एवं पुलिया हुआ निर्माणचुरचू प्रखंड के पौसारा टोला एवं तालाटोला में श्रमदान कर सड़क एवं पुल बनाने के लिए जनसहयोग केंद्र, चिचिकला ने भी सहयोग प्रदान किया. श्रमदान कर सड़क बनाने वालों में गुरुदयाल हांसदा, सोहन हांसदा, शिवलाल हांसदा, विमल हांसदा, सुरेश हांसदा, अर्जुन हांसदा, प्रकाश हांसदा, सिमोन हांसदा, रमेश हांसदा, बिरसू हांसदा, रामजी मुर्मू, सुदेश बेसरा, सुखदेव बेसरा, अनिल बेसरा, मिसरा मुर्मू, विनय हांसदा, भीमराज हांसदा, संजय हांसदा, विनोद हांसदा, विरेंद्र हेम्ब्रम, बाबूदास बेसरा एवं अन्य ग्रामीण मौजूद थे.
Posted By : Samir Ranjan.