हजारीबाग : ग्रामीणों ने स्कूल आने जाने वाले रास्ते को घेरकर लगा दी फसल, 20 दिनों से बच्चों की पढ़ाई बाधित
शिक्षकों और ग्रामीणों ने इस संबंध में 24 नवंबर को सीओ से लिखित शिकायत कर रास्ता चालू कराने की मांग की था, पर लगभग 20 दिन बाद भी सीओ ने अब तक कोई पहल नहीं की है.
संजय यादव, पदमा :
नव प्राथमिक विद्यालय, सिमरकुरहा के विद्यार्थियों के लिए आने-जाने वाले रास्ते को कुछ ग्रामीणों ने जोत कर उसमें फसल लगा दी है. साथ ही तार से घेराबंदी कर दी गयी है. रास्ता बंद होने से पिछले 20 दिनों से बच्चे स्कूल आना बंद कर दिये हैं. कुछ बच्चे खेत में चलकर स्कूल पहुंच रहे हैं, जो बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. रास्ता बंद करने वालों द्वारा उस खेत से बच्चों को आने-जाने पर मारने की धमकी दी जाती है. कुछ बच्चे इस धमकी को नजरअंदाज कर स्कूल पहुंच रहे हैं. रास्ते पर कब्जा करने के दौरान विरोध करने वाले स्थानीय वार्ड सदस्य शकुनी देवी, उसके पति केदार यादव और बेटा के साथ मारपीट भी हो चुकी है.
इससे गांव में तनाव का माहौल है. तनाव और मारपीट की घटना से भयभीत आधे बच्चे 20 दिन से स्कूल नहीं आ रहे हैं. शिक्षकों और ग्रामीणों ने इस संबंध में 24 नवंबर को सीओ से लिखित शिकायत कर रास्ता चालू कराने की मांग की था, पर लगभग 20 दिन बाद भी सीओ ने अब तक कोई पहल नहीं की है. इससे ग्रामीणों में नाराजगी है. इसके बाद ग्रामीणों ने उपायुक्त से शिकायत की है.
Also Read: हजारीबाग : डायवर्सन नहीं बनने से आवागमन बाधित, दो दिन की बारिश से सड़क पर भर गया है पानी
यह है मामला :
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ही तीन भाई मनोज यादव, संजय यादव और लखन यादव ने आठ डिसमिल जमीन दान देकर गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बनाया. स्कूल के सामने सार्वजनिक जमीन थी. जहां वर्षों से मृत स्मारक ग्रामीणों द्वारा बनाकर धार्मिक रूप से इस्तेमाल करते आ रहे थे. उसी भूमि से बच्चे आना-जाना करते थे. ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पहले उस जमीन को राजा के पुरोहित सरैया निवासी स्व जगदीश पाठक ने सार्वजनिक उपयोग के लिए गांव वालों को दान में दिया था. बाद में उन्हीं के परिजनों द्वारा उस जमीन को गांव के लिए कुछ लोगों के पास बेच दिया गया. इसके बाद खरीदने वालों ने जमीन को जोत कर घेराबंदी कर रास्ता बंद कर दिया. इससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आने-जाने का सभी रास्ता बंद हो गया है.