विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग पर लगा 50,000 का जुर्माना
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के मामले में सुनवाई की
हजारीबाग : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र की अदालत ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालत ने प्रतिवादियों द्वारा दायर पूरक शपथ पत्र को देखा.
जेपीएससी की दलील को सही बताते हुए विश्वविद्यालय पर 50,000 रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया. विश्वविद्यालय जुर्माने की राशि प्रार्थी को भुगतान करेगा. साथ ही आयोग में समय पर पत्र नहीं पहुंचने की अपने यहां आंतरिक जांच करेगा, जो दोषी पाये जायेंगे, उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा.
वहीं अदालत ने जेपीएससी को आदेश दिया कि उसके अध्यक्ष या कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति होने के दो माह के अंदर प्रोन्नति संबंधी कार्रवाई को पूरा करेगा. इससे पूर्व विश्वविद्यालय की अोर से दायर पूरक शपथ पत्र में बताया गया कि छह मार्च 2020 को अनुशंसा पत्र जेपीएससी के कार्यालय में हैंडअोवर किया गया था, लेकिन कोई प्राप्ति रसीद नहीं दी गयी थी.
वहीं जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजा गया पत्र उसे 28 सितंबर 2020 को प्राप्त हुआ था. उसके कार्यालय में हैंडअोवर करने पर प्राप्ति रसीद दी जाती है, लेकिन विश्वविद्यालय प्राप्ति रसीद नहीं दिखा रहा है.
जो जानकारी दी जा रही है, वह पहले के शपथ पत्र में नहीं बताया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनिल कुमार वार्ष्णेय ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है.
posted by : sameer oraon