24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 : बड़कागांव में पेड़ों की टहनी और पत्ते तोड़ने पर भरना पड़ता है जुर्माना

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 : बड़कागांव के लोग पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं. यहां के जंगलों में पेड़ तो क्या पत्ते को भी तोड़ने पर दंड का प्रावधान है. यही कारण है कि पहले की अपेक्षा अब बड़कागांव के जंगल घने हैं.

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 : बड़कागांव (हजारीबाग) : बड़कागांव के लोग पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं. यहां के जंगलों में पेड़ तो क्या पत्ते को भी तोड़ने पर दंड का प्रावधान है. यही कारण है कि पहले की अपेक्षा अब बड़कागांव के जंगल घने हैं. विश्व पर्यावरण दिवस 2020 पर पढ़ें संजय सागर की रिपोर्ट.

हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड क्षेत्र के बड़कागांव महोदी और डुमारो जंगल काफी घने हो गये हैं. कारतरी व पंडरिया के जंगल- झाड़ को 19 सीटों में बांटा गया है. इन जंगलों की देखरेख ग्राम समिति करती है. इन जंगलों में 90 फीसदी सखुआ के पेड़ व 10 फीसदी अन्य पेड़ हैं. जंगल व पेड़- पौधों को बचाने के लिए हर गांव के दीवारों पर जागरूकता संबंधी पेंटिंग की गयी है.

वन समिति के अध्यक्ष बालेश्वर महतो ने बताया कि वर्ष 2003 के पहले लकड़ी माफिया द्वारा जंगलों की कटाई अंधाधुंध तरीके से की जाती थी. इन जंगलों में खैर की लकड़ियों तक काट दिया जाता था. कटते जंगल के कारण पशु- पक्षी पर भी प्रभाव पड़ने लगा था. खैरातरी काड़री एवं सिरमा के लोग जंगल की रक्षा करते थे, लेकिन लकड़ियों की चोरी नहीं रूक रही थी. इसीलिए वर्ष 2003 में वन ग्राम समिति का गठन किया गया, जिसमें 56 सदस्य हैं.

श्री महतो ने बताया कि पेड़- पौधे तो दूर, अब तो दातून के लिए पेड़ की टहनी तोड़ने एवं पत्ते तोड़ने पर भी जुर्माना लगता है. अगर किसी ने पेड़ या पत्ते तोड़ों, तो वन समिति 5000 रुपये का जुर्माना लगाता है. इसके अलावा पेड़- पौधे काटने वाले को वन अधिनियम के तहत जेल भी भेजा जाता है.

उन्होंने बताया कि जंगल में जो लकड़ी गिर कर सूख जाती है, उस लकड़ी को ही ले जाने की अनुमति समिति देती है. यहां की वन समिति जंगल तथा आसपास क्षेत्र के पेड़- पौधों को बचाने के लिए काफी सक्रिय हैं. इन्हीं सक्रियता के कारण वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन द्वारा वन समिति के अध्यक्ष बालेश्वर महतो पुरस्कृत हुए थे.

बड़कागांव के महोदी जंगल में लंबे- लंबे सखुआ पेड़ के अलावा कई तरह के जंगली जानवर भी विचरण करते देखे जा सकते हैं. इस जंगल में हाथी, भालू, लकड़बग्घा, हिरन, बंदर समेत अन्य जंगली जानवर रहते हैं.

Undefined
विश्व पर्यावरण दिवस 2020 : बड़कागांव में पेड़ों की टहनी और पत्ते तोड़ने पर भरना पड़ता है जुर्माना 2

नहीं सूखे नदी व तालाब

लॉकडाउन के बहाने ही सही, लेकिन प्रदूषण काफी हद साफ हो गया है. बड़कागांव क्षेत्र के नदी-तालाबों में पानी भरा है. पक्षियों की चहचहाहट बढ़ गयी है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में वापस लौट रही है.

बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न गांवों से गुजरने वाली दामोदर नदी और हाहारो नदी का पानी साफ दिखने लगा है. बड़कागांव में जो तालाब पिछले साल सूखे थे, आज वो पानी से लबालब भरे हैं. इनमें हरली, गुरुचट्टी, राम सागर, कारकईया के तालाबों के अलावा सिरमा के 3, महुगाइ के 2, जोराकाठ के 2, बलोदर के 3, जुगरा डैम क्षेत्र के 2 तालाब, खैरातरी के 5, गोंडालपुरा के 2, आंगों के 4, डुमारो और लौकरा के तालाब में पानी भरे हैं.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें