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विश्व महिला दिवस: रूढ़िवादी सोच को खत्म कर बड़कागांव की ये महिलाएं आज हैं कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज

हजारीबाग की बड़कागांव की महिलाएं भी आज किसी से कम हीं है और कंधे से कंधे मिलाकर पुरुषों के साथ आगे बढ़ रही है और समाज और गांव के विकास क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है

संजय सागर

हजारीबाग : आज पूरा विश्व महिला दिवस मना रहा है, इस दिन को महिलाओं के सम्मान में समर्पित किया जाता है. क्यों कि देश के निर्माण में जितना पुरूषों का योगदान है उतना ही महिलाओं का भी है. लेकिन कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं था. उन्हें घर और परिवार की जिम्मेदारियों में पूरी तरह से बांध दिया जाता था.

लेकिन धीरे धीरे वक्त बदलता गया और महिलाओं ने घर की जिम्मेदारियों को निभाते हुए उस मुकाम को हासिल किया जिन कारनामों को को अक्सर पुरुष अंजाम दिया करते थे. लेकिन उन रूढ़िवादी सोच को तोड़ आज वे देश दुनिया में अपना परचम लहरा रही है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज हम झारखंड के उस इलाके की कहानी बताएंगे जहां पर हर काम में पुरुषों का ही वर्चस्व हुआ करता था. ये कहानी हजारीबाग के बड़कागांव की है. जहां महिलाओं का समय पहले घर की चूल्हा चौखट पर ही बीत जाता था.

लेकिन महिलाओं की शिक्षित और जागरूक होने के साथ ही वक्त और हालात बदल गया. आज यहां कि महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. चाहे वो राजिनीति की बात हो या फिर सांस्कृतिक, आर्थिक क्षेत्र की. जहां महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर तेजी से आगे बढ़ रही है. पेश है उन महिलाओं की कहानी

बड़कागांव प्रखंड में आज 13 मुखिया ,13 पंचायत समिति सदस्य एवं 123 वार्ड सदस्य है. यहां वार्ड सदस्य से लेकर जिला परिषद एवं विधायक के पद पर महिलाएं ही काबिज हैं. इतना ही नहीं बड़कागांव क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में 50 फ़ीसदी महिला शिक्षिका है. खेतों में भी इनकी भागीदारी बढ़ी चुकी है. आज बड़कागांव बाजार में 70 फ़ीसदी महिलाएं सब्जियों और अनाज का क्रय -विक्रय करती हैं.

झारखंड की सबसे कम उम्र विधायक बनी अंबा प्रसाद

विधायक अंबा प्रसाद झारखंड राज्य में सबसे कम उम्र के विधायक अंबा प्रसाद पहली बार विधायक बनी. यह विस्थापन से लेकर महिला उत्थान तक कार्य करते नजर आती हैं.

सुशीला देवी

जिप अध्यक्ष सुशीला देवी बड़कागांव के चेपा कला निवासी सुशीला देवी 2015 में जिला परिषद के अध्यक्ष बनी. वह सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में काम करती नजर आती है.

आकांक्षा कुमारी

आकांक्षा कुमारी पिता अशोक कुमार( प्रधानाध्यापक आदर्श मध्य विद्यालय) बड़कागांव के नटराज नगर की रहने वाली है. इन्होंने भारत के प्रथम महिला कोल माइंस इंजीनियर की दर्जा प्राप्त है. फिलहाल ये रांची जिले के चुरी सीसीएल के कोयला खदान में कार्यरत हैं.

राजमणि देवी

प्रमुख राजमणि देवी बड़कागांव के अंगों पंचायत निवासी राजमणि देवी 2015 में प्रमुख बनी इनके नेतृत्व में ही पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के साथ साथ स्कूल स्थापित हुआ.

प्रीति तिवारी

प्रीति तिवारी बड़कागांव प्रखंड के ग्राम गंगा निवासी प्रभु दयाल की पुत्री है. यह झारखंड महिला क्रिकेट टूर्नामेंट के कप्तान के रूप में भूमिका निभा रही है. उन्होंने झारखंड टीम से दर्जनों मैच खेली हैं. ये आज की तारीख में झारखंड की बेस्ट बॉलर है

रीमा मिश्रा

बड़कागांव के लंगातू निवासी रीमा मिश्रा पति विनय मिश्रा चाणक्य आईएएस एकेडमी हजारीबाग व रांची में स्थापना कर संचालित कर रही है. इस एकेडमी के माध्यम से क्षेत्र के दर्जनों युवक -युवतियां आज बीडीओ व सीओ के पद पर कार्यरत हैं.

पूनम देवी

बड़कागांव की पूनम देवी सिलाई कढ़ाई कर देहात क्षेत्रों की युवतियों को प्रशिक्षण देने का काम करती है. बड़कागांव के सांढ़ लीलावती कुमारी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में वार्डन के पद पर रहकर बालिकाओं को शिक्षित कर रही हैं. इसके अलावा गांव की अन्य महिलाएं जैसे कि इंदिरा गांधी मेमोरियल कॉलेज में रेखा सोनी कौटिल्य महिला कॉलेज में कविता कुमारी, बीएम मेमोरियल स्कूल में पूनम कुमारी, उप प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं

Posted By: Sameer Oraon

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