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Hemant Soren News: हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होने के बाद फिर यूपीए की बैठक, रणनीति पर चर्चा

Hemant Soren Updates News: झारखंड के राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द किये जाने के फैसले के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए की फिर से मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई. बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की गयी.

लाइव अपडेट

हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होने के बाद फिर यूपीए की बैठक

झारखंड के राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द किये जाने के फैसले के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए की फिर से मुख्यमंत्री आवास में बैठक शुरू हुई. बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी. बता दें कि आज दिन में भी यूपीए की बैठक हुई थी, जिसमें विधायकों ने मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया था.

नेतरहाट में बोले हेमंत सोरेन, हमें केंद्रीय एजेंसियों से डराया जा रहा है

मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक के बाद नेतरहाट पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि देश में दमनकारी नीति चल रही है. लेकिन, दमनकारी नीतियों से देश का भला नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार काम कर रही है, तो ईडी, लोकपाल व अन्य एजेंसियों के जरिये हमें डराया जा रहा है.

सीएम आवास में शाम 7 बजे फिर जुटेंगे यूपीए के विधायक

कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में शाम को 7 बजे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के विधायक दल की बैठक होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने के राज्यपाल के फैसले के बाद की रणनीति पर इस मीटिंग में चर्चा होगी.

हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द, निर्वाचन आयोग जारी करेगा अधिसूचना

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. राजभवन की ओर से निर्वाचन आयोग को इसकी जानकारी दी जायेगी. निर्वाचन आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा.

हेमंत सोरेन आवास पर यूपीए की बैठक, राजभवन से चिट्ठी का इंतजार

हेमंत सोरेन आवास पर यूपीए की बैठक में गठबंधन के सभी दलों ने हेमंत सोरेन के प्रति एकजुटता दिखायी. बैठक से बाहर निकले नेताओं ने कहा कि राजभवन से चिट्ठी आने का इंतजार है. चिट्ठी मिलने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे.

एक व्यक्ति की वजह से मीडिया परेशान, बोले झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि एक व्यक्ति की वजह से पूरा मीडिया परेशान है. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे के एक ट्वीट की वजह से दिल्ली से मीडिया वाले रांची पहुंच गये हैं. उन्हें हर दिन हजारों-लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

झामुमो का दावा- भाजपा के 16 विधायक हमारे संपर्क में

झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी के 16 विधायक उनके संपर्क में हैं. साथ ही कहा कि यूपीए का कोई विधायक छत्तीसगढ़ नहीं जा रहा है. सभी झारखंड में ही रहेंगे.

यूपीए की बैठक खत्म, सीएम नेतरहाट रवाना, शाम में फिर होगी बैठक

यूपीए की बैठक खत्म हो गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नेतरहाट रवाना हो गये हैं. शाम 7 बजे फिर से विधायकों की बैठक होगी. सभी एमएलए को रात्रिभोज में जुटने के लिए कहा गया है. राजभवन के फैसले के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी.

यूपीए विधायकों की बैठक खत्म, शाम में फिर होगी बैठक

झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन यूपीए की बैठक खत्म हो गयी है. सभी विधायकों को रांची में ही रहने के लिए कहा गया है. शाम 7 बजे फिर यूपीए विधायकों की बैठक होगी.

मनोनीत विधायक ग्लेन जोसफ गॉलेस्टीन भी सीएम आवास पहुंचे

झारखंड विधानसभा के मनोनीत सदस्य ग्लेन जोसफ गॉलेस्टीन भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं. प्रदीप यादव भी यूपीए की बैठक में शामिल होने के लिए सीएमओ पहुंचे हैं.

अब तक यूपीए के 41 विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे

झारखंड में जारी राजनीतिक गहमागहमी के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के 39 विधायक अब तक मुख्यमंत्री आवास पहुंच चुके हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्पीकर समेत कुल 41 विधायक मुख्यमंत्री आवास में हैं. अन्य विधायकों के आने का सिलसिला जारी है. बता दें कि यूपीए के कुल 54 विधायक हैं. इनमें से 3 कांग्रेस विधायकों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि प्रदीप यादव और ममता देवी बीमार हैं.

सब कुछ ठीक है, हमारी सरकार बहुमत में : बन्ना गुप्ता

झारखंड के मंत्री और कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा कि सब ठीक है. हमारी सरकार बहुमत में है. हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जो कहेंगी, हम उसका पालन करेंगे.

हेमंत सोरेन के घर पर पहुंचने लगे यूपीए के विधायक

झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारे पास 50 से ज्यादा विधायक हैं. भाजपा के कई नेता भी हमारे संपर्क में हैं. हम आराम से बहुमत का कर रहे हैं और जब भी राज्यपाल कहेंगे हम बहुमत साबित करेंगे. राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच यूपीए विधायकों की बैठक के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर विधायक आने लगे हैं.

झारखंड में गठबंधन को कोई खतरा नहीं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने की स्थिति में भी राज्य में गठबंधन सरकार को फिलहाल कोई खतरा होने की संभावना नहीं है. झारखंड झामुमो के 30 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 18 एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक समेत लगभग 50 विधायकों का सरकार को समर्थन प्राप्त है. वहीं, 81 सदस्यीय विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के कुल 26 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी आज्सू के दो विधायकों के अलावा भाजपा को दो अन्य विधायकों का आम तौर पर समर्थन मिलता रहा है. ऐसे में भाजपा एवं सहयोगियों को मिलाकर उन्हें अधिकतम 30 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचे झामुमो के मंत्री और विधायक

आज बदली राजनीतिक परिस्थितियों में मुख्यमंत्री आवास पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अधिकतर विधायक एवं मंत्री पहुंच चुके हैं.

चुनावी मानदंडों का उल्लंघन को लेकर केवल अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं हेमंत सोरेन : राजभवन सूत्र

राजभवन के सूत्रों के अनुसार, समझा जाता है कि निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से कहा है कि हेमंत सोरेन को चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. हालांकि, राजभवन ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है.

11 बजे से होगी यूपीए विधायक दल की बैठक

हेमंत सोरेन की सदस्यता पर राज्यपाल का फैसला आने से पहले शुक्रवार की सुबह 11 बजे से यूपीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इससे पहले 9 बजे से 10 बजे बीच सभी झामुमो विधायकों और सांसदों को बुलाया गया. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आज रांची में अपने आवास पर यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई है. उन्होंने लाभ के पद के मामले में एक विधायक के रूप में अपनी अयोग्यता पर चुनाव आयोग या राज्यपाल से किसी भी संचार प्राप्त करने की खबरों को खारिज कर दिया है.

चार नंबर गेट से राजभवन के अंदर गये गवर्नर

राज्यपाल रमेश बैस 21 अगस्त को नई दिल्ली गये थे. वह 25 अगस्त को दोपहर लगभग डेढ़ बजे रांची पहुंचे. रांची एयरपोर्ट पर बैस ने मीडिया से कहा कि चुनाव आयोग द्वारा भेजे गये पत्र के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वह एम्स में पत्नी का इलाज कराने और पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गये थे. राज्यपाल एयरपोर्ट से सीधे राजभवन पहुंचे. भीड़ को देखते हुए राज्यपाल काफिले के साथ गेट नंबर चार (कांके रोड) से सीधे राजभवन में अंदर प्रवेश कर गये.

आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं : डॉ रामेश्वर उरांव

वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अभी आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे जनता द्वारा चुनी गयी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करे. निलंबित विधायकों द्वारा पार्टी के अंदर साजिश रचे जाने के आरोप पर विधायक अनूप सिंह ने कहा कि उनका नाम किसी भी विधायक नहीं लिया है. उन्होंने एफआइआर कराने वाले लोगों को माफिया बताया है. अगर इनकी आरोपों को मान लें तो पार्टी के सभी शीर्ष नेता माफिया हैं. क्योंकि उनके ही आदेश पर एफआइआर दर्ज कराया गया है. यह पूछे जाने कि निलंबित विधायक कह रहे हैं कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है. वे सोनिया गांधी समेत आला नेताओं से मिल कर अपनी बात रखेंगे. इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर उन्हें निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. अब तक उनका जवाब नहीं आया है. अनुशासन समिति ने फिर से रिमाइंडर भेज कर सात दिनों में जवाब मांगा है.

सरकार पर कोई संकट नहीं : कांग्रेस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर गुरुवार को निर्वाचन आयोग का पत्र राजभवन आने के बाद सत्तारूढ़ दलों की राजनीतिक गतिविधि तेज हो गयी. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने पार्टी के सभी विधायकों को रांची आने का निर्देश दिया. उन्होंने दोपहर में अपने आवास पर मंत्री-विधायकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनायी. बैठक में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, अध्यक्ष राजेश ठाकुर, बादल पत्रलेख, अनूप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की समेत पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे. श्री आलम ने कहा कि निलंबित तीन विधायकों को छोड़ कर सभी 15 विधायकों को रांची आने का निर्देश दिया गया है. कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं. राज्यपाल का फैसला आने के बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा. फिलहाल सरकार पर कोई संकट नहीं है. वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

हेमंत ही हेमंत का विकल्प

निर्वाचन आयोग का फैसला सीएम के पक्ष में नहीं आने के सवाल पर सुप्रियो ने कहा कि हम किंतु-परंतु पर नहीं जाना चाहते हैं. हमारे नेता हेमंत सोरेन हैं और आगे भी हमारे नेता हेमंत सोरेन ही रहेंगे. इसलिए किसी प्रकार का पूर्वानुमान नहीं लगाया जाना चाहिए.

झामुमो बना शिवालय का घंटा : सुप्रियो भट्टाचार्य

सरयू राय के ट्वीट जिसमें सीएम के तीन साल के लिए चुनाव लड़ने पर अयोग्यता की बात कही है, इस संबंध में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि झामुमो शिवालय का घंटा बन गया है. जिसे जो मन में आ रहा है वह बजा दे रहा है. हमारी सरकार पूरी मजबूती के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

जो बात राज्यपाल को नहीं मालूम, वह भाजपा सांसद को कैसे पता : झामुमो

चुनाव आयोग के फैसले को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर झामुमो ने भाजपा पर निशाना साधा है. पार्टी के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसे लग रहा है कि यह पत्र निर्वाचन आयोग से नहीं जारी होकर भाजपा कार्यालय से जारी हुआ है. तभी जाकर भाजपा नेताओं को मिनट टू मिनट की जानकारी मिल रही है. गुरुवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा नेताओं ने जिस प्रकार से संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है. ऐसे में सांसद की सदस्यता रद्द करते हुए उन पर आपराधिक मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर राज्यपाल ने कहा कि ऐसा पत्र आने की कोई जानकारी नहीं है. राजभवन जाने के बाद ही बता पायेंगे. जो बात राज्यपाल को नहीं पता है, वह भाजपा के नेताओं को कैसे पता है.

संघर्ष करने वाली पार्टी है झामुमो

झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झामुमो संघर्ष की पार्टी है और जनसमर्थन झामुमो और हेमंत सोरेन के साथ है. ऐसे में सरकार को कोई खतरा नहीं है. फैसला जो भी आता है तो सड़क से सदन तक झामुमो संघर्ष करेगा.

नंबर हमारे साथ है तो दिक्कत कहां है

झामुमो नेता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा पर्दे के पीछे से खेलती है. जबकि झामुमो फ्रंट पर खेलता है. जब से राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से उसे अस्थिर करने की कोशिश हो रही है. नंबर हमारे साथ है तो दिक्कत कहां है. किसी भी मंत्री विधायक को मुख्यमंत्री आवास नहीं बुलाया गया है, परंतु जिसे मीडिया से जानकारी मिल रही है वह पहुंच रहे हैं. राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ हम लोगों ने बैठकर वर्तमान परिस्थिति पर बात की है. लेकिन सवाल यह है कि जो सीलबंद रिपोर्ट राजभवन को मिली. वह भाजपा नेताओं के पास पहले कैसे पहुंच गयी.

महागंठबंधन की सरकार बनी रहेगी

झामुमो नेता स्टीफन मरांडी ने कहा अभी तक निर्वाचन आयोग के फैसले की कोई अधिकृत जानकारी नहीं है. अगर जो खबरें आ रही हैं वह सही है, तब भी रहेगी महागठबंधन की सरकार. एक सवाल पर कहा कि गुरुजी भी सीएम हो सकते हैं. श्री मरांडी ने कहा कि राज्य में कोई सियासी समस्या नहीं है और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार अपना काम करती रहेगी, उन्होंने कहा कि कोई सेकंड या थर्ड प्लान नहीं बना है. क्योंकि इसकी जरूरत ही नहीं है. जब राजभवन से जानकारी मिलेगी, तब फैसला लिया जायेगा.

सरकार की सेहत को लेकर सत्तापक्ष आश्वस्त

दिन के 11 बजे जैसे ही यह खबर फैली कि चुनाव आयोग ने अपनी अनुशंसा राज्यपाल को भेज दी है. इसके बाद सीएम आवास में गहमागहमी शुरू हो गयी. मंत्री मिथिलेश ठाकुर सबसे पहले पहुंचे. फिर आलमगीर आलम. इसके बाद तो सिलसिला चलता रहा. बीच में महाधिवक्ता राजीव रंजन भी पहुंचे. सीएम ने उनसे इस मुद्दे पर कानूनी पहलु को समझा. फिर मंत्रियों व विधायकों से इस मुद्दे पर चर्चा हुई. मंत्रियों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि एक सांसद पत्र भेजे जाने के पहले ही कैसे यह खुलासा कर दिया कि हेमंत सोरेन की सदस्यता चली गयी. जबकि चुनाव आयोग ने पत्र राज्यपाल के पास सीलबंद लिफाफे में भेजा है. अब तक राज्यपाल ने स्पष्ट नहीं किया है कि क्या अनुशंसा आयी है. इसी दौरान दिन के तीन बजे के करीब पुलिस मेंस एसोसिएशन के लोग पहुंचे. वे ढोल-नगाड़े के साथ पहुंचे थे. हाथो में अबीर-गुलाल लिये हुए सीएम आवास के अंदर पहुंचे. तब सीएम उनसे मिलने आये. शाम पांच बजे के करीब एक-एक कर मंत्री, विधायक व सांसद निकलने लगे.

सरकार गिराने-बनाने के लिए शिकायत नहीं की थी : रघुवर दास

उधर, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन के मामले को उठाने वाले रघुवर दास ने कहा है कि मैंने और भाजपा नेताओं ने 11 फरवरी को इस मामले में राज्यपाल से शिकायत की थी. मैंने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता खत्म करने, डिबार करने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद राज्यपाल ने मामला चुनाव आयोग को भेजा. हमारी पार्टी ने सरकार बनाने या गिराने के लिए शिकायत नहीं की थी. उन्होंने कहा कि मैंने सरकार की काली करतूत सामने लाई है. यह सरकार अपने कारण ही मुसीबत में पड़ी है. भाजपा ने हेमंत सोरेन को अनगड़ा में खनिज लीज लेने नहीं कहा था. यह सरकार परिवार की भक्ति में लगी है. अपने परिवार के लिए संपत्ति बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारे आरोप में दम नहीं है, तो निष्कलंक होकर निकलेंगे और झामुमो की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी.

राज्यपाल से सीएमओ को नहीं मिला है पत्र : हेमंत

ताजा घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री ने ट्वीट और मीडिया के माध्यम से अपनी कई बातें रखी हैं. मुख्यमंत्री को कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जानकारी मिली है कि चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है. इस संबंध में चुनाव आयोग या राज्यपाल से मुख्यमंत्री कार्यालय को कोई पत्र नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के एक सांसद और भाजपा की गोदी मीडिया या कठपुतली पत्रकारों सहित अन्य भाजपा नेताओं ने स्वयं चुनाव आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जो वास्तव में एक सीलबंद कवर रिपोर्ट है. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में स्थित भाजपा मुख्यालय द्वारा संवैधानिक संस्थाओं का यह घोर दुरुपयोग और एक शर्मनाक तरीके से उनका पूर्ण अधिग्रहण देश के लोकतंत्र की नींव पर गहरा कुठाराघात है. सीएम से यह पूछे जाने पर कि अग्निपरीक्षा के लिए क्या वह तैयार हैं, उन्होंने कहा कि आग से खेलने की उनकी आदत रही है और आग से खेलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने राज्य में कल भी काम किया था और आज भी कर रहे हैं.

हमारे साथ 3.5 करोड़ जनता का आशीर्वाद, कोई निर्णय अंतिम नहीं, विकल्प खुले हैं : झामुमो

झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की अफवाहों के बीच दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है. झामुमो ने साथ ही यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है, तो यह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा, क्योंकि पार्टी के लिए अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यहां पार्टी कार्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं. भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लाभ के पद मामले में फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई भी निर्णय अंतिम नहीं है. हमारे लिए अन्य विकल्प भी खुले हैं.' एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने दो-टूक कहा कि चुनाव आयोग का कोई भी फैसला अब तक हमारे पास नहीं आया है और हमारे पास अपील में जाने का विकल्प भी मौजूद है. उन्होंने चुनाव आयोग के कामकाज पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘आज भारत का चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में है.'

संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे : हेमंत सोरेन

वहीं, खनन पट्टा मामले में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?' झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कार्यकाल के दौरान खुद के नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंचने के बाद अपनी सरकार गिरने की आशंकाओं के बीच एक के बाद एक ट्वीट किये, जिनमें उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य में कल भी काम किया था और आज भी कर रहे हैं. संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे ? दूसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री ने बुधवार की अपने मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के पुलिसकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मूल वेतन देने के फैसले और उसके बाद पुलिसकर्मियों में व्याप्त खुशी का जिक्र करते हुए कहा, ‘झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!'

सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाने के संकेत, झारखंड में सियासी भूचाल

झारखंड की राजनीति में नया भूचाल आ गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में भारत के निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता संकट में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम खनिज लीज आवंटन के मामले में आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 ए के तहत अपनी राय राज्यपाल को भेजी है़ पूर्व में राज्यपाल ने यह मामला संविधान की धारा 192 (2) के तहत चुनाव आयोग को भेजा था. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, इसके बाद राज्यपाल ने चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा था़ इधर गुरुवार को राज्यपाल दिल्ली से लौटे और आयोग के पत्र के आलोक में कानूनी सलाह ले रहे हैं.

राज्यपाल ने अभी जारी नहीं की है अधिसूचना

हेमंत सोरेन की सदस्यता के मामले में गुरुवार की देर शाम तक राजभवन से इस मामले में कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी. चुनाव आयोग के रिपोर्ट सौंपने के बाद से झारखंड की राजनीति उफान पर है. पक्ष-विपक्ष में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है. मुख्यमंत्री आवास में सत्ताधारी दल के मंत्री, सांसद, विधायक सहित आला नेता पहुंचे. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने पार्टी मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक अनूूप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की सहित प्रदेशस्तरीय नेताओं के साथ बैठक कर मंत्रणा की़ कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजधानी में जुटने को कहा है.

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