Loading election data...

Hemant Soren : जेल से बाहर आकर पार्टी को मजबूत करेंगे हेमंत सोरेन, फोकस में होगा विधानसभा चुनाव

हेमंत सोरेन गुरुजी यानी शिबू सोरेन की राह पर चलेंगे. इसका संकेत पिछले दिनों उन्होंने गुरुजी की तरह लुक अपनाकर दे दिया था. गुरुजी की रणनीतियों पर काम करके वे आम जन के प्रिय नेता बनने की कोशिश करेंगे.

By Anuj Kumar Sinha | June 28, 2024 3:00 PM
an image

Hemant Soren : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट ने शुक्रवार 28 जून को जमानत दे दी. ईडी ने 31 जनवरी की रात को जमीन घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, अब जबकि वे लगभग पांच महीने बाद जेल से बाहर आएंगे तो उनकी भूमिका क्या होगी? उनके जेल से बाहर आने का पार्टी पर क्या असर होगा, चुनाव पर क्या असर होगा? ये कुछ बड़े सवाल हैं.

4-5 महीनों में होगा विधानसभा चुनाव

झारखंड में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं. बमुश्किल चार-पांच महीनों में यहां चुनाव होंगे, इसलिए जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आएंगे तो उनकी भूमिका मुख्य तौर पर पार्टी को मजबूत करने की होगी. वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापस बैठने की बजाय, पार्टी और संगठन को मजबूती देने के लिए काम करेंगे. जहां तक मैंने झारखंड की राजनीति को देखा और समझा है, हेमंत सोरेन गुरुजी यानी शिबू सोरेन की राह पर चलेंगे. इसका संकेत उन्होंने गुरुजी की तरह लुक अपनाकर दे दिया है. गुरुजी की रणनीतियों पर काम करके वे आम जन के प्रिय नेता बनने की कोशिश करेंगे.

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से कार्यकर्ताओं का बढ़ेगा मनोबल

हेमंत सोरेन की रिहाई से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा इसमें कोई दो राय नहीं है. कहीं ना कहीं पार्टी कार्यकर्ता उनकी गिरफ्तारी से निराश थे, उनके अंदर यह भावना थी कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी गलत ढंग से हुई है, अब चूंकि उन्हें जमानत मिल गई है, तो उनके अंदर खुशी होगी. राष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका प्रभाव दिखेगा. इंडिया गठबंधन की बैठकों में अब हेमंत खुद जा सकेंगे और पार्टी का पक्ष रख सकेंगे. गठबंधन में उनका कद भी बढ़ेगा, क्योंकि रणनीति तय करने में उनकी भूमिका होगी.

हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन

रणनीति बनाने में होगी हेमंत सोरेन की भूमिका

गुरुजी के बाद पार्टी में अगर किसी भी पकड़ सबसे ज्यादा है तो वो हेमंत सोरेन ही हैं. इसलिए वे पार्टी को एकजुट करेंगे. सरकार को सलाह देंगे, ताकि विधानसभा चुनाव पर उसका असर पड़े और झामुमो को उसका फायदा हो. झामुमो का कोर वोटर कौन है यह सबको पता है, एनडीए के साथ कौन हैं, ये भी सबको पता है. कुड़मी वोटर पर सबकी नजरें हैं, क्योंकि वो अभी असमंजस की स्थिति में है. हेमंत सोरेन के बाहर आने से परिवार में जो तनाव उत्पन्न हुआ है वो भी कुछ कम हो सकता है. हेमंत स्वभाव से काफी विनम्र हैं.

Also Read : Hemant Soren Bail: हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत, जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने सुनाया फैसला

अब झारखंड विधानसभा चुनाव होगा दमदार, हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद हो सकते हैं ये 5 बड़े बदलाव

कल्पना की बढ़ेगी भूमिका

कल्पना सोरेन अब सक्रिय राजनीति में आ चुकी हैं, जिस समझदारी से उन्होंने हेमंत की गिरफ्तारी के बाद पार्टी को संभाला, वह काबिलेतारीफ है. इंडिया गठबंधन की बैठकों में भी शामिल हुईं और गांडेय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी जीता, तो अब दोनों साथ में राजनीति करेंगे. भारतीय राजनीति में यह कोई पहली घटना नहीं होगी, इससे पहले भी इस तरह के उदाहरण सामने आए हैं. वर्तमान में ही उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव एक साथ राजनीति में हैं. चुनाव के बाद संभवत: कल्पना सोरेन की भूमिका बड़ी हो, क्योंकि अभी हेमंत सोरेन को जमानत मिली है, केस खत्म नहीं हुआ है.

Exit mobile version