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बजट के बाद झारखंड में लागू हुई ई-व्हीकल पाॅलिसी तो हो सकता है बड़ा फायदा

उद्योग संगठन सोसायटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने सरकार से मांग की है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत ले आये.

झारखंड में ई-व्हीकल पाॅलिसी का ड्राॅफ्ट तैयार है, इसपर विभागीय स्तर पर मंत्रणा हो रही है और उम्मीद है कि यह पाॅलिसी जल्दी ही लागू हो जायेगी. अभी यह बताना तो कठिन है कि यह पाॅलिसी कब से लागू होगी, लेकिन हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह पाॅलिसी जल्दी ही झारखंड में लागू हो जायेगी, क्योंकि पाॅलिसी का ड्राफ्ट तैयार है. यह कहना है झारखंड के उद्योग विभाग के निदेशक जीतेंद्र सिंह का.

पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार वृद्धि ने ई-व्हीकल की डिमांड बढ़ाई

झारखंड के लोगों को ई-व्हीकल पाॅलिसी का बहुत ही बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इस पाॅलिसी के आ जाने से आम लोगों को काफी राहत मिलेगी. इसकी सबसे बड़ी वजह है पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमत. आम आदमी पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार वृद्धि से ई-व्हीकल की ओर मुड़ा है. साथ ही इसपर सरकारों द्वारा कर राहत दिये जाने की वजह से इसकी कीमत भी अन्य गाड़ियों की अपेक्षा कम होती जा रही है यही वजह है कि आम आदमी ई-व्हीकल खरीदना चाह रहा है.

कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत ले आये

गौरतलब है कि देश का आम बजट एक फरवरी को पेश होना है. बजट से पहले उद्योग संगठन सोसायटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने सरकार से मांग की है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत ले आये. चूंकि ई-व्हीकल बैटरी पर निर्भर हैं, इसलिए सरकार को चाहिए कि वह बैटरी को और बेहतर बनाने के लिए इस क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ अनुसंधान को बढ़ावा दें.

इलेक्ट्रिक वाहनों को गंभीरत से बढ़ावा देने की जरूरत

संगठन का कहना है कि अगर सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को गंभीरता से बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है तो उसे यह उपाय करने चाहिए. अगर सरकार ने आम बजट में उद्योग संगठन की मांग को मान लिया तो ई-व्हीकल खरीदने वालों को काफी फायदा हो सकता है और ऐसे माहौल में अगर झारखंड सरकार की ई-व्हीकल पाॅलिसी लागू हो जाती है तो यह आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी होगी.

2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य

गौरतलब है कि ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र सरकार 2021 से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर ज्यादा सब्सिडी दे रही है. पहले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर दस हजार रूपए प्रति किलोवाट की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन अब 15,000 रुपये प्रति किलोवाट तक की सब्सिडी मिल रही है, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत में कमी का यह प्रमुख कारण है.

चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने को मंजूरी

साथ ही सरकार देश में इलेक्ट्राॅनिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. सरकार ने फेम इंडिया स्कीम के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों और 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशनों को भी मंजूरी दी है. जिससे ई-व्हीकल चलाने वालों को फायदा मिलेगा.

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