सरकार दिखाये सख्ती तो निजी अस्पतालों को लौटाना पड़ेगा पैसा

देश में कोरोना संक्रमिताें की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकारी कोविड अस्पताल के अलावा कोरोना पॉजिटिव अब निजी अस्पतालों में भी भर्ती हो रहे हैं. परेशानी की बात यह है कि निजी अस्पतालों द्वारा संक्रमितों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 23, 2020 5:12 AM

राजीव पांडेय, रांची : देश में कोरोना संक्रमिताें की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकारी कोविड अस्पताल के अलावा कोरोना पॉजिटिव अब निजी अस्पतालों में भी भर्ती हो रहे हैं. परेशानी की बात यह है कि निजी अस्पतालों द्वारा संक्रमितों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है. इसे देखते हुए कई राज्यों ने निजी अस्पतालों के लिए दर निर्धारित कर दी है. अगर झारखंड में भी सरकार ने सख्ती दिखायी, तो निजी अस्पतालों को कोरोना पॉजिटिव से लिया गया मनमाना पैसा लौटाना पड़ेगा. बेंगलुरु में ऐसा हुआ भी है. वहां के कई निजी अस्पतालों ने संक्रमितों से ज्यादा पैसा वसूला. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने सख्ती दिखायी, फिर निजी अस्पतालों ने 22 पीड़ितों को करीब 24 लाख रुपये वापस किये.

रांची के अस्पतालों द्वारा रूम का किराया के रूप में 4,057 से लेकर 14,500 रुपये लिये जा रहे हैं. नर्सिंग चार्ज का 4,500 रुपये, पीपीइ किट का 900 रुपये, एन-95 मास्क का 199 रुपये, बाथरूम तौलिया का 270 रुपये, खाने का 1,000 रुपये लिया जा रहा है. हर अस्पताल इस मद में अलग-अलग पैसा ले रहे हैं. रांची के एक अस्पताल में अन्य चार्ज के नाम पर 4,060 व सर्विस चार्ज के नाम पर 7,593 रुपये कोविड पॉजिटिव मरीजों से लिये जा रहे हैं.

बेहिसाब पैसा लेने पर पीड़ित परिवार बेंगलुरु का हवाला देते हुए केंद्र व राज्य सरकार को शिकायत कर रहे हैं. एक पीड़ित परिवार ने बेंगलुरु की घटना का हवाला देते हुए पैसा वापस कराने की मांग की है. सरकार से आग्रह किया है कि बेंगलुरु में कोविड मरीजों से लिया गया अतिरिक्त पैसा पीड़ित परिवार के खाते में लौटाया गया है.

अस्पतालों में बिल की जानकारी लेने लगे हैं परिजन : निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना पॉजिटिव के परिजन अब बिल की जानकारी लेने लगे हैं. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पीपीइ किट व मास्क के बिल को लेकर पूछा जाने लगा है. परिजन यह पूछ रहे हैं कि एक दिन में कितनी पीपीइ किट लगती है. कितनी बार मास्क लगाया जाता है. बिल को लेकर बहस भी होने लगी है, लेकिन संक्रमित के भर्ती होने तक लोग झंझट नहीं करना चाहते हैं.

  • कोराेना संक्रमित के इलाज के नाम पर राजधानी के निजी अस्पताल कर रहे हैं मनमानी

  • रूम का किराया, नर्सिंग चार्ज, पीपीइ किट, खाना समेत अन्य मद में लिये जा रहे रुपये

  • बेंगलुरु में सख्ती के बाद निजी अस्पतालों को वापस करना पड़ा है संक्रमितों से लिया गया पैसा

  • सरकारी अस्पताल में तीन रुपये में मास्क और 100 में बेहतर खाना

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में कोरोना संक्रमितों को जो मास्क दिया जाता है, उसकी कीमत तीन रुपये है. संक्रमितों काे तीन वक्त का खाना दिया जाता है, उसपर 100 रुपये खर्च आता है. संक्रमित के परिजनों को आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त पीपीइ किट उपलब्ध कराया जाता है. सरकारी अन्य सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं.

Post by : Pritish Sahay

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