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…और इस तरह प्रोबिन कुमार मुर्मू के आगे बढ़ने की राह में बन रही आर्थिक कमजोरी बौना साबित हो गया

जो व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा व दृढ़ संकल्प से अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाता है, उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य में नियोजित हो जाती हैं.

जमशेदपुर: जो व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा व दृढ़ संकल्प से अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाता है, उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य में नियोजित हो जाती हैं. ऐसा व्यक्ति कभी पीठ नहीं दिखाता, वह आगे और आगे बढ़ता जाता है. उसका हर कदम प्रगति की ओर अग्रसर होता है.-यह कथन जमशेदपुर शहर से सटे एनएच-33 स्थित बानाघुटू का युवक प्रोबिन कुमार मुर्मू पर बिलकुल सटिक बैठती है. प्रोबिन पढ़ने-लिखने में काफी तेज है. पिछले दिनों जैक की परीक्षा में प्रोबिन कुमार मुर्मू जिला टॉपर भी रहा है. वह आइआइटी की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा जाना चाहता था. लेकिन परिवार आर्थिक स्थिति आगे बढ़ने की राह में रोढ़ा बन रहा था. इस संबंध में उसने एक-दो लोगों से चर्चा भी की थी. फिर क्या था सामाजिक संगठन, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद, रिटायर्ड कर्मचारी, जिला परिषद, मुखिया समेत अन्य ने सहयोग में अपना कदम बढ़ाया. किसी ने एक हजार तो किसी ने 10 हजार रुपये उनके आवास पर जाकर दिये. उनका परिवार सोचता ही रह गया कि यह क्या हो गया. और इस तरह उनकी आर्थिक कमजोर बौना साबित हो गयी. शुक्रवार को प्रोबिन कुमार मुर्मू लोगों की सहयोग से आइआइटी की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा को रवाना हो गया.
आदिवासी एकता मंच हर महीने करेगा आर्थिक सहयोग
आदिवासी एकता मंच के सदस्यों को जब जिला टॉपर रहे प्रोबिन कुमार मुर्मू के बारे में पता चला तो मंच की टीम ने उनके आवास पर जाकर उन्हें 5 हजार रूपये का आर्थिक सहयोग किया. साथ मंच के लोगों ने फूलो झानो मेधावी छात्रवृति योजना के तहत उन्हें हर महीने 1 हजार रुपये देने का फैसला लिया है.
पिता करते हैं खेती किसानी का काम
प्रोबिन कुमार मुर्मू के पिताजी मानसिंह मुर्मू खेतीबाड़ी करते हैं. उनका मुख्य पेशा खेतीबाड़ी ही है. इसी से उनका परिवार चलता है. मानसिंह मुर्मू शिक्षा के प्रति काफी जागरूक हैं. इस वजह से उसने अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर पूरा ध्यान दिया. वे अपने बच्चों को डाक्टर व इंजीनियर बनाना चाहते थे. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से अपने सपने को साकार करने में असमर्थ थे. लेकिन शिक्षा को लेकर उनकी सजगता व जागरूकता वाली बात को गांव के सभी लोग जानते थे. ग्रामवासियों के साथ उनका संबंध भी काफी अच्छा था.
“पे बैक टू सोसाइटी” विचारधारा को अपनाने की है जरूरत
आदिवासी एकता मंच के सक्रिय सदस्य सुनीता टुडू ने बताती है कि प्रोबिन कुमार मुर्मू की पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया जायेगा. मंच की ओर से फूलो झानो मेधावी छात्रवृति योजना के तहत प्रोबिन को हर महीने लगातर दो साल तक 1 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग भेजा जाएगा. वहीं मंच की सदस्या शिवानी मार्डी बताती है कि समाज को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए हम सबको “पे बैक टू सोसाइटी” के विचारधारा को अपनाकर आगे चलने की जरूरत है. यदि आज हम किसी से मदद लेते हैं तो कल हमें भी किसी अन्य की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए. प्रोबिन कुमार मुर्मू से उनके आवास पर मिलने वालों में आदिवासी एकता मंच के सुनील हेंब्रम, दीनबंधु भूमिज, राजाराम मुर्मू, सतीश सिंह, मइया सोरेन, बासुदेव सिंह, अर्जुन सोरेन, लखीराम टुडू आदि उपस्थित थे.
इन्होंने भी किया आगे बढ़कर किया मदद
जिला परिषद सदस्य प्रभावती देवी व पूर्व जिला परिषद पिंटू दत्ता ने जैक की परीक्षा में जिला टॉपर रहे प्रवीण कुमार मुर्मू को बेहतर पढ़ाई करने के लिए 11 हजार रुपये की आर्थिक मदद की. वहीं सेवानिवृत शिक्षक टिबुराम मुर्मू ने 5 हजार, भागाबांध की ओर से 15 हजार व महात्मा टुडू ने भी 11 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग प्रदान किया.


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