जमशेदपुर बीडीओ ने रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य पर लगायी रोक, पंचायत सचिवों को लिखा पत्र
बीडीओ सुधा वर्मा ने 22 जून को रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 18 पंचायत के पंचायत सचिव को लिखित रूप में निर्देश दिया है कि वे अपने पंचायत क्षेत्र में विकास कार्य का स्टीमेट बनाने से पहले यह जरूर देख लें कि कहीं विकास कार्य रेलवे जमीन पर तो नहीं हो रहा है.
जमशेदपुर: जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत रेलवे क्षेत्र की पंचायतों में पंचायत निधि से विकास कार्य ठप है. इसे लेकर प्रखंड मुखिया संघ ने 14 जून को बीडीओ सुधा वर्मा को लिखित मांग पत्र सौंपकर रेलवे क्षेत्र की पंचायतों में पंचायत निधि से विकास कार्य करने की अनुमति मांगी थी. मुखिया संघ का कहना था कि रेलवे क्षेत्र में आने वाले पंचायतों में सांसद व विधायक निधि से काम हो रहा है तो मुखिया द्वारा किये जा रहे विकास कार्य पर क्यों रोक लगाया. मुखिया संघ ने प्रखंड प्रशासन से समाधान निकालने का आग्रह किया था. समस्या का समाधान तो निकला नहीं, लेकिन मुखियाओं की परेशानी को बढ़ा जरूर दिया गया है. बीडीओ सुधा वर्मा ने 22 जून को रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी 18 पंचायत के पंचायत सचिव को लिखित रूप में निर्देश दिया है कि वे अपने पंचायत क्षेत्र में विकास कार्य का स्टीमेट बनाने से पहले यह जरूर देख लें कि कहीं विकास कार्य रेलवे जमीन पर तो नहीं हो रहा है. बीडीओ ने पंचायत सचिव को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि हर पंचायत में विकास कार्य होगा. लेकिन रेलवे क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जमीन पर मुखिया फंड से किसी तरह का कोई विकास कार्य नहीं करना है.
किन-किन पंचायतों में है समस्या
पंचायत का नाम- रेलवे अधीन क्षेत्र
उत्तर बागबेड़ा- 100 प्रतिशत
मध्य बागबेड़ा- 10 प्रतिशत
बागबेड़ा कॉलोनी – 30 प्रतिशत
पूर्वी बागबेड़ा – 65 प्रतिशत
उत्तर पूर्वी बागबेड़ा – 100 प्रतिशत
उत्तरी कीताडीह – 40 प्रतिशत
पूर्वी कीताडीह – 50 प्रतिशत
दक्षिण सुसनीगड़िया – 100 प्रतिशत
उत्तरी सुसनीगड़िया – 20 प्रतिशत
पश्चिम कालीमाटी – 10 प्रतिशत
दक्षिण कालीमाटी – 25 प्रतिशत
उत्तरी कालीमाटी – 20 प्रतिशत
पूर्वी कालीमाटी – 10 प्रतिशत
दक्षिण गोविंदपुर – 20 प्रतिशत
खाखड़ीपाड़ा – 10 प्रतिशत
उत्तर पश्चिम गदड़ा – 10 प्रतिशत
उत्तर पूर्वी गदड़ा – 20 प्रतिशत
मध्य गदड़ा – 20 प्रतिशत
तीन पंचायतों में विकास काम पूरी तरह से ठप
जमीन प्रखंड अंतर्गत के 55 पंचायत में से 18 पंचायत रेलवे की जमीन पर आते हैं. जिसमें से तीन पंचायत उत्तर बागबेड़ा, उत्तर पूर्वी बागबेड़ा व दक्षिण सुसनीगड़िया शत-प्रतिशत रेलवे की जमीन पर है. वहीं अन्य 15 पंचायत आंशिक रूप से रेलवे की जमीन पर आते हैं. जिसकी वजह से यहां विकास कार्य पूरी तरह से ठप है. मुखिया जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र व राशन कार्ड का फॉर्म भरवाने के लिए सिवाय कोई काम नहीं कोई विकास काम नहीं करवा सकते हैं.
समाधान के लिए मुख्यमंत्री से मिलेंगे: मुखिया
उत्तर पूर्वी बागबेड़ा पंचायत की मुखिया नीनू कुदादा ने बताया कि उनके पंचायत में विकास कार्य पूरी तरह से ठप है. क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से जनता भला बुरा कहते हैं. समझाने पर भी वे नहीं मानते हैं. उनका बस यही कहना है कि उन्होंने वोट देकर उसे मुखिया बनाया है. इसलिए किसी भी तरह से विकास काम को कराये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से मिलने की बात चल रही है. मुखिया संघ के साथियों के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे और समाधान की मांग करेंगे.
मुख्यमंत्री से मिलकर समाधान निकालने की मांग करेंगे: मुखिया संघ
जमशेदपुर प्रखंड मुखिया संघ के महासचिव कान्हू मुर्मू ने बताया पंचायत क्षेत्र में मुुखिया फंड से विकास कार्य को रोकना समझ से परे है. किसी भी बस्ती या टोला को पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत रखा गया है तो वहां विकास कार्य जरूर होना चाहिए. यदि वह क्षेत्र रेलवे के अधीन था तो उसे पंचायत में रखना ही नहीं चाहिए. सारा गड़बड़ी तो सरकार के स्तर से ही है. जनता ने वोट दिया है, अब वे विकास कार्य मांग रहे हैं. रेलवे अधीन क्षेत्र बताकर विकास कार्य पर रोक लगाया जा रहा है. लेकिन इसका खामियाजा अब मुखिया को भुगतना पड़ रहा है. मुखिया बीच मझधार में है. वह बीडीओ की सुने या जनता की. इस समस्या का समाधान के लिए जल्द ही संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा और हल निकालने की मांग करेगा.