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आदिवासी युवाओं में रक्तदान के प्रति बढ़ती जागरूकता एक सकारात्मक और प्रेरणादायक बदलाव

आदिवासी युवाओं में रक्तदान के प्रति बढ़ती जागरूकता एक सकारात्मक और प्रेरणादायक बदलाव है. पहले रक्तदान को लेकर उनमें डर और गलतफहमियां थीं, लेकिन अब वे आगे आकर रक्तदान कर रहे हैं.

जमशेदपुर:करनडीह के गैंताडीह निवासी रवि मुर्मू ने 25वीं बार रक्तदान किया. बिष्टुपुर धातकीडीह स्थित जमशेदपुर ब्लड सेंटर में शनिवार को उसे सम्मानित किया गया. रक्तदान के बाद जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी ने उसे मोमेंटो देकर सम्मानित किया व उन्हें बधाई दी. रवि मुर्मू सामाजिक संस्था नई जिंदगी परिवार, जमशेदपुर के सक्रिय सदस्य हैं. वह नियमित रूप से रक्तदान करते हैं. वह नई जिंदगी परिवार के दसवें सदस्य हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि अपने नाम किया है. इससे पहले राजेश मार्डी, मनमोहन हांसदा, रामेश्वर हांसदा, माईकल हो, सुखलाल सोरेन, लखन टुडू, सीताराम हेंब्रम, धीरेन मार्डी और मुसाबनी के संजय मुर्मू यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. नई जिंदगी परिवार के संस्थापक सचिव राजेश मार्डी ने रवि मुर्मू को उपलब्धि के बधाई दिया है.

युवाओं में दिख रहा सकारात्मक व प्रेरणादायक बदलाव: संजय चौधरी

जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी ने कहा कि आदिवासी युवाओं में रक्तदान के प्रति बढ़ती जागरूकता एक सकारात्मक और प्रेरणादायक बदलाव है. पहले रक्तदान को लेकर उनमें डर और गलतफहमियां थीं, लेकिन अब वे आगे आकर रक्तदान कर रहे हैं. यह बदलाव जागरूकता अभियानों और शिक्षा के माध्यम से संभव हुआ है. रक्तदान से न केवल जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि यह स्वयं दाताओं के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. नियमित रक्तदान से स्वास्थ्य जांच होती रहती है, आयरन का स्तर संतुलित रहता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है. इस जागरूकता के परिणामस्वरूप, आदिवासी समुदायों में न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना भी मजबूत हो रही है. यह बदलाव आदिवासी युवाओं के सक्रिय योगदान और सेवा भावना का प्रमाण है.

इसे भी जाने लें

1.जीवन रक्षा: एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है. यह सबसे महत्वपूर्ण और मानवीय लाभ है.

2.स्वास्थ्य जांच: रक्तदान के पहले एक छोटे स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरना होता है जिससे आपकी सेहत की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है. यह एक नियमित स्वास्थ्य जांच का हिस्सा हो सकता है.

3.रक्तसंचार में सुधार: नियमित रक्तदान से रक्तसंचार में सुधार होता है और रक्त कोशिकाओं का पुनर्निर्माण होता है जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है.

4.आयरन स्तर संतुलित करना: नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है, जिससे आयरन ओवरलोड का खतरा कम होता है.

5.दिल की सेहत: रक्तदान करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम होता है क्योंकि इससे रक्त का चिपचिपापन कम हो जाता है.

6.नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण: रक्तदान के बाद शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे खून अधिक ताजगी और ऊर्जा प्राप्त करता है.

7.सामाजिक और मनोवैज्ञानिक लाभ: रक्तदान करने से सामाजिक सेवा का अहसास होता है, जो मानसिक संतुष्टि और आत्मसम्मान को बढ़ाता है.

8.कैंसर का खतरा कम करना: कुछ अध्ययनों के अनुसार, नियमित रक्तदान से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो सकता है, खासकर लिवर, फेफड़े, और कोलन कैंसर.

9.वजन नियंत्रण: रक्तदान से कैलोरी की खपत होती है, जो वजन को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकती है.

10.समुदाय की सेवा: रक्तदान से आप अपने समुदाय की सेवा कर सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में रक्त की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं.

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