Jamshedpur news : मंत्री बनने के बाद शनिवार को पहली बार झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सह निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन का लौहनगरी जमशेदपुर में नगरागमन हुआ. झामुमो जिला समिति समेत अन्य शाखा समितियों के नेता व कार्यकर्ताओं दोमुहानी डोबो पुलिया के पास उनका फूलमाला पहनाकर स्वागत किया. वे कदमा उलियान स्थित शहीद निर्मल महतो के समाधि स्थल में गये और श्रद्धांजलि अर्पित किया. इसके बाद साकची स्थित भगवान बिरसा मुंडा पार्क में जाकर धरती आबा के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया. इस दौरान प्रभात खबर से हुई बातचीत मेें उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है. स्कूल शिक्षा को दुरस्त करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर अमल किया जाएगा. खासकर, उन स्कूलों की स्थिति पर पुनः विचार किया जाएगा जो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में बंद कर दिए गए थे. इस पहल का उद्देश्य न केवल शिक्षा का स्तर सुधारना है, बल्कि विद्यार्थियों को बेहतर और समावेशी शिक्षा प्रदान करना भी है.
शिक्षकों की कमी को दूर किया जायेगा
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की कमी की है, जिसके कारण पठन-पाठन की प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. रामदास सोरेन ने यह स्पष्ट किया है कि अब शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा. राज्य सरकार विभिन्न उपायों के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती और उनकी नियुक्ति में तेजी लाने का प्रयास करेगी. इस कदम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि छात्रों के शैक्षिक विकास में भी सहारा मिलेगा.
क्षेत्रीय भाषाओं में भी शिक्षा देने की पहल होगी
झारखंड की सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था स्थानीय भाषाओं में भी हो. खासकर, संताली समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी, ताकि बच्चे अपनी मातृभाषा में अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर सकें. इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे अपनी संस्कृति और भाषा से भी जुड़सकेंगे. राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करने का प्रयास करेंगे. इन प्रयासों से राज्य में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठेगा और हर बच्चे को एक बेहतर भविष्य मिलने की संभावना बढ़ेगी.