मतलाडीह पंप हाउस से 27 दिनों बाद जलापूर्ति पुन: शुरू, 20 हजार आबादी ने ली राहत की सांस

खरकई नदी में इंटकवेल पाइप से करीब ढाई फीट पानी ऊपर आ गया। इससे पंप हाउस में पानी का स्टोरेज शुरू हो गया और जलापूर्ति बहाल हो गई. जलापूर्ति शुरू होने के बाद क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली.

By Dashmat Soren | July 22, 2024 9:35 PM

जमशेदपुर: जमशेदपुर के बागबेड़ा क्षेत्र के मतलाडीह पंप हाउस से 27 दिनों के बाद जलापूर्ति पुनः शुरू हो गई है, जिससे करीब 20 हजार लोगों को राहत मिली है. पंप हाउस समिति के सदस्य मुन्ना सिंह के अनुसार सोमवार को सुबह 7 बजे से 12 बजे तक और शाम में 3 बजे से 6 बजे तक जलापूर्ति की गई. यह राहत 25 जून को खरकई नदी में जलस्तर के गिरने के बाद आई समस्या के समाधान से मिली. 25 जून को खरकई नदी में जलस्तर इंटकवेल पाइप से लगभग 2 फीट नीचे चला गया था. इसके कारण इंटकवेल को पानी का स्टोरेज बंद हो गया, जिससे पंप हाउस जलापूर्ति करने में असमर्थ हो गया. इस समस्या ने बागबेड़ा क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत पैदा कर दी और क्षेत्र के निवासियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा.

इंटकवेल पाइप से करीब ढाई फीट पानी है ऊपर

सोमवार को स्थिति में सुधार हुआ और खरकई नदी में इंटकवेल पाइप से करीब ढाई फीट पानी ऊपर आ गया। इससे पंप हाउस में पानी का स्टोरेज शुरू हो गया और जलापूर्ति बहाल हो गई. जलापूर्ति शुरू होने के बाद क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली.मुन्ना सिंह ने बताया कि सोमवार को सुबह 7 बजे से 12 बजे और शाम में 3 बजे से 6 बजे तक जलापूर्ति की गई .इस समय तालिका का पालन करके पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. पानी की आपूर्ति नियमित होने से बागबेड़ामतलाडीह क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है और उन्हें अपने दैनिक कार्यों में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा.

जलस्तर की निगरानी व पंप हाउस के रखरखाव निर्णय

इस समस्या से सीख लेते हुए, पंप हाउस समिति और स्थानीय प्रशासन ने भविष्य में जलस्तर की निगरानी और पंप हाउस के रखरखाव पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है. इसके तहत इंटकवेल पाइप और पंप हाउस की नियमित जांच और मरम्मत की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो.बागबेड़ामतलाडीह क्षेत्र के निवासियों ने जलापूर्ति बहाल होने पर खुशी जाहिर की और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की. पंप हाउस में जल संकट का समाधान हो गया है. भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.

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