रेलवे क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को ठप करने का मामला पंचायत राज विभाग के निदेशक के पास पहुंचा
पूर्वी सिंहभूम जिला मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष पलटन मुर्मू के नेतृत्व में रांची जाकर पंचायत राज विभाग के निदेशक से मिला और रेलवे क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को ठप करने समेत 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा
जमशेदपुर: जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत के रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को रोकने का मामला पंचायत राज विभाग झारखंड सरकार के निदेशक के पहुंचा. बुधवार को पूर्वी सिंहभूम जिला मुखिया संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष पलटन मुर्मू के नेतृत्व में रांची जाकर पंचायत राज विभाग के निदेशक से मिला और रेलवे क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को ठप करने समेत 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. संघ ने अपनी विभिन्न समस्याओं ने पंचायत राज विभाग के निदेशक को अवगत कराया. पंचायत राज विभाग ने निदेशक ने मुखिया संघ काे आश्वासन दिया कि रेलवे की जमीन पर अवस्थित पंचायत क्षेत्र में विकास का काम होगा. किंही कारणों ने से वहां विकास काम रोक दिया गया है तो विसंति को दूर किया जायेगा. पूरे पंचायत क्षेत्र को डिजिटाइज किया जा रहा है. ताकि पंचायत क्षेत्र में तेजी से विकास का काम हो. पंचायत क्षेत्र में किसी तरह की समस्या हों, उन्हें जरूर अवगत करायें. ताकि समस्या का निराकरण हो सके. प्रतिनिधिमंडल में पलटन मुर्मू, कान्हु मुर्मू, सरस्वती टुडू, राकेश मुर्मू, सुनील किस्कू, सुमी केराई, जोबा मार्डी, सिनगो मुर्मू, नागी मुर्मू, अभिषेक सरदार, सालगे सोरेन, पानो मुर्मू, सुमन सिरका, कानूराम बेसरा, बसंती गुप्ता, शत्रुधन सरदार, अमृत माझी, तपन मुर्मू, मंजुला मुर्मू, पूनम मांडी, नेहा सिंह, निताई मुंडा, बनाव मुर्मू समेत अन्य शामिल थे.
ये हैं पंचायत प्रतिनिधियों के प्रमुख मांगें
-राज्य वित्त आयोग के माध्यम से जल्द से जल्द मुखियाओं को आर्थिक सहायता दिया जाए.
– मुखिया को 29 विभागों का पूर्ण अधिकार जल्द दिया जाए.
-मुख्यमंत्री सड़क योजना में पंचायत को भी शामिल किया जाए.
-डीएमएफटी फंड में भी पंचायत के अनुशंसा को मान्य किया जाए.
-रेलवे क्षेत्र, वन क्षेत्र व कॉलोनी में मुखिया फंड से विकास कार्य करने का अनुमति दिया जाए.
-पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बहुत कम है. इसलिए मुखिया समेत सभी पंचायत प्रतिनिधियों का मानेदय बढ़ाया जाए.
-जेएसएलपीएस के द्वारा जो भी कार्य या कार्यक्रम किये जाते हैं, उसमें मुखिया को सूचित करना अनिवार्य किया जाए.
-मुखिया को भी पेंशन, जीवन बीमा एवं चिकित्सा सुविधा का सुविधा प्रदान किया जाए.
– मुखियाओं को पहचान पत्र प्रदान किया जाए.
-ग्राम पंचायत सचिव को कम से कम एक पंचायत में एक साल तक रहने दिया जाए.
-ग्राम पचांयत में वीएलइ के जगह एक स्थायी ऑपरेटर दिया जाए.
-सभी पंचायत स्तरीय कर्मी का अटेंडेंस पंचायत में ही हो व छुट्टी भी पंचायत स्तर से ही लिया जाए.
-कई पंचायत का अपना पंचायत सचिवालय नहीं है, उसे अविलंब पंचायत सचिवालय बनाकर दिया जाए.
मुखिया के विरोध को देख बीडीओ ने अपने आदेश को किया निरस्त
जमशेदपुर प्रखंड की बीडीओ सुधा वर्मा ने रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य पर रोक लगा दिया था. इस संबंध में बीडीओ ने 22 जून 18 पंचायतों के सचिव को पत्र लिखकर निर्देश भी दिया था. लेकिन मुखिया संघ के विरोध को देखते हुए बीडीओ बीडीओ बैकफुट हो गयी. उसने पुन: 25 जून को पुन: सभी सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि 22 जून को उनके द्वारा निर्गत आदेश को निरस्त कर दिया गया है. इधर बुधवार को बीडीओ सुधा वर्मा ने रेलवे अधीन क्षेत्र मामले को लेकर प्रखंड कार्यालय में एक बैठक बुलाया था. जिसमें प्रखंड प्रमुख पानी सोरेन, उपप्रमुख शिव कुमार हांसदा, मुखिया, जेई, एई, पंचायत समिति सदस्य आदि शामिल हुए. बीडीओ ने बैठक में कहा कि रेलवे क्षेत्र में विकास का काम एनओसी के बाद ही काम होगा. मुखिया व पंचायत समिति सदस्य इस संबंध में अधिक जानकारी उपायुक्त से जाकर मिल सकते हैं. 22 जजून को प्रखंड के बड़ा बाबू ने गलती से आदेश पत्र को निर्गत कर दिया था. उन्हें उसकी गलती के लिए शोकॉज किया गया है. वहीं प्रखंड प्रशासन की ढुलमुल रवैये से परेशान मुखिया व पंसस गुरूवार को प्रखंड परिसर स्थित पंचायत समिति में बैठक कर उक्त मुद्दे पर राय मशविरा करेंगे और आंदोलन की रणनीति को तैयार करेंगे.