Jamshedpur News : सोनारी स्थित शहीद निर्मल महतो भवन में रविवार को आदिवासी कुड़मी समाज की एक दिवसीय बैठक केंद्रीय अध्यक्ष-शशांक शेखर महतो की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. बैठक में बतौर मुख्य वक्ता आदिवासी कुड़मी समाज के संयोजक अजीत प्रसाद महतो मौजूद थे. उन्होंने कहा कि कुड़मी समाज अपना जाति सत्ता, अस्तित्व, पहचान व संवैधानिक अधिकार की लड़ाई लंबे समय से लड़ रहा है. इसलिए कुड़मी समाज उसी पार्टी को अपना समर्थन देगा जो कुड़मी को एसटी सूची में शामिल कराने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने व सरना धर्म को कोड को मान्यता देने में अपना समर्थन व सहयोग प्रदान करेगा. उसे ही आसन्न विधानसभा चुनाव में जिताने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में कुड़मी समाज को कोई भी राजनैतिक संगठन दरकिनार कर नहीं चल सकता है. यहां पर यदि किसी संगठन को प्रदेश में अपनी सरकार बनानी है तो उसे कुड़मी समाज को सहयोग व समर्थन जरूरी है.कुड़मी समाज के सहयोग के बिना कोई भी संगठन अपना सरकार नहीं बना सकते हैं.कुड़मी समाज के लिए कोई भी राजनीतिक दल अपना या पराया नहीं है. जो कुड़मी समाज की मांगों के साथ खड़ा रहेगा और उसे अमलीजामा पहनाने का काम करेगा.कुड़मी समाज उसे अपना मानकर हर तरह से सहयोग प्रदान करेगा.
तीन राज्यों से पहुंचे थे कुड़मी समाज के लोग
आदिवासी कुड़मी समाज केंद्रीय कमेटी की बैठक में तीन राज्य झारखंड, ओडिशा व पश्चिम बंगाल से लोग पहुंचे थे. इसमें प्रदेश स्तरीय कमेटी, जिला स्तरीय कमेटी एवं प्रखंड स्तरीय कमेटी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद थे. बैठक में आसन्न विधानसभा चुनाव समेत सांगठनिक विभिन्न विषयों पर चिंतन-मंथन किया गया. इस दौरान अब तक किये गये आंदोलन जैसे रेल टेका, डहर छेंका, माहुर ढॅड़आगुआन एवं रैलियां आदि करने के बाद अब उन पार्टियों एवं सरकारों को चिन्हित किया गया. जिन्होंने कुड़मी समाज की मांगों को कुछ हद तक समर्थन किया है.कुड़मी समाज का रुख अब चुनाव में राजनीतिक दलों को सबक सिखाने की ओर अग्रसर है. चुनाव से पहले सभी पार्टी या दलों का नाम उजागर किये जायेंगे.
ये थे मौजूद
मौके पर केंद्रीय उपाध्यक्ष छोटेलाल मुतरुआर, केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर, केंद्रीय सह सचिव जयराम महतो, साधन महतो, शशधर काड़ुआर, रासबिहारी माहातो, संतोष काटिआर, पद्मलोचन महतो, महादेव डुमरिआर, गुणधाम मुतरुआर, संजीव महतो, मोहिनी मोहन महतो, दलगोविंद मोहंता, भीम मोहंता, बनमाली, त्रिनाथ, खगेश्वर, केदारेश्वर, दुर्योधन आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.