दो दिवसीय आदिवासी युवा महोत्सव 13 व 14 जुलाई को होगा

आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से दो दिवसीय आदिवासी युवा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन 13 व 14 जुलाई को होने जा रहा है. इस महोत्सव में युवा महासभा के राष्ट्रीय कमेटी का पुर्नगठन भी किया जायेगा.

By Dashmat Soren | June 19, 2024 10:48 PM

जमशेदपुर: आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से दो दिवसीय आदिवासी युवा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन 13 व 14 जुलाई को होने जा रहा है. इस महोत्सव में युवा महासभा के राष्ट्रीय कमेटी का पुर्नगठन भी किया जायेगा. इसको लेकर चाईबासा स्थित महासभा कला एवं संस्कृति भवन हरिगुटू में हो समाज युवा महासभा की एक बैठक हुई. जिसमें प्रखंड, अनुमंडल, जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी शामिल हुए. इसमें महोत्सव को लेकर कई बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही आयोजन को लेकर रणनीति भी तैयार किया गया.

दिल्ली जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन की हो रही तैयारी
आदिवासी हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए आंदोलन किया जायेगा. आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी गयी है.आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मनोज सुंडी ने बताया कि दोलाबु दिल्ली 4.0 के तहत आदिवासी हो समाज युवा सभा के नेतृत्व में अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह या सितंबर महीने के प्रथम सप्ताह मेें दिल्ली जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन किया जायेगा. इस दौरान एक सेमिनार का भी आयोजन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस पर दिल्ली पुलिस-प्रशासन में परमिशन के लिए जल्द ही आवेदन दिया जायेगा. प्रशासन से परमिशन मिलने के बाद तिथि को भी सार्वजनिक कर दिया जायेगा.

युवाओं को भाषा की लड़ाई के बारे में बताया
आदिवासी हो समाज की मातृभाषा हो होकर लंबे समय से आंदोलन की जा रही है. बावजूद इसके अभी तक हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है. हो समाज की ओर से अब तक दिल्ली में कई बार धरना-प्रदर्शन हो चुका है. साथ ही केंद्र सरकार को भी अपनी मांगों से अवगत कराया गा है. अभी तक केंद्र सरकार की ओर से केवल आश्वासन ही मिला है. इस दिशा में किसी तरह का कोई पहल नहीं किया गया है. समाज के युवाओं को बताया गया कि भाषा आंदोलन में हर किसी का सहयोग जरूरी है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को आंदोलन से जोड़ने की जरूरत है. ताकि केंद्र सरकार पर दबाव को बनाया जा सके.

चलाया जा रहा पोस्टकार्ड अभियान
डा. मनोज सुंडी ने बताया कि पूरे भारत वर्ष के आदिवासी हो समाज के द्वारा अपनी मातृभाषा हो को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है. इसी क्रम में विभिन्न जिलों से पोस्ट कार्ड अभियान चलाकर केंद्र सरकार को चिट्ठी भेजा जा रहा है. इस माध्यम से केंद्र सरकार को यह अवगत किया जा रहा है कि हो समाज अपनी मातृभाषा को लेकर कितना सजग व जागरूक है. उन्होंने बताया कि युवाओं ने पोस्ट कार्ड अभियान को गति देने के लिए लगातार जगह-जगह पर बैठक व सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं. इसके माध्यम से लोगों को जोड़कर उनसे केंद्र सरकार के नाम पोस्ट कार्ड भेजने की अपील कर रहे हैं.

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