जमशेदपुर: उत्तर पूर्वी गदड़ा पंचायत के बीएमसी क्लब व बीच टोला में दुलारी हेंब्रम के घर के पास पिछले दो महीने से सोलर जलमीनार खराब है. जलमीनार खराब होने की वजह से करीब 70 परिवार को पीने का पानी की समस्या झेलना पड़ रहा है. बस्तीवासियों ने बताया कि पीने का पानी के लिए सोलर मिनी जलमीनार ही एकमात्र सहारा था. क्योंकि बस्ती में पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा तो है लेकिन उसमें प्रेशर नहीं होने की वजह से पीने का पानी रिस-रिसकर आता है. महज आधा घंटा ही आपूर्ति किया जाता है. वे एक-दो बाल्टी ही पानी भर पाते हैं. वे बताते हैं कि उन्होंने बीडीओ, पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव से दोनों सोलर जलमीनार को अविलंब मरम्मतीकरण करने की मांग कर चुके हैं. लेकिन भीषण गर्मी में लोगों की समस्या को देखने के बाद भी मरम्मतीकरण नहीं किया जा रहा है.
पाइपलाइन में प्रेशर नहीं,रिस-रिसकर आता है पानी
बस्ती में पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा होने के बावजूद पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जो एक गंभीर समस्या है. पाइपलाइन से रिस-रिसकर पानी आना प्रमुख कारण है. प्रतिदिन केवल 30 मिनट की जलापूर्ति की जाती है, जिससे लोगों को केवल दो-तीन बाल्टी पानी ही मिल पाता है. यह मात्रा दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है.रिसाव की समस्या के चलते बहुत सारा पानी व्यर्थ हो जाता है, जिससे जल की बर्बादी हो रही है और लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. इस समस्या का समाधान पाइपलाइन की नियमित मरम्मत और रखरखाव के जरिए किया जा सकता है. साथ ही, जलापूर्ति की अवधि बढ़ाकर और जल प्रबंधन में सुधार लाकर भी समस्या का हल निकाला जा सकता है.स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि बस्ती के निवासियों को पर्याप्त और सुरक्षित जलापूर्ति सुनिश्चित हो सके. जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और सामुदायिक भागीदारी से भी इस समस्या को कम किया जा सकता है.
उपायुक्त के पास जाकर शिकायत करेंगे ग्रामवासी
पूर्व पंचायत समिति सदस्य विश्वजीत भगत ने कहा कि बस्ती में पानी की घोर किल्लत है. पाइपलाइन से पानी नहीं के बराबर पानी आता है. इसकी शिकायत जलापूर्ति विभाग अधिकारी व जेई से की गयी है. लेकिन वे पाइपलाइन की समस्या को मरम्मतीकरण तो दूर ग्रामीणों से मिलने तक नहीं आते हैं. खराब मिनी जलमीनार को मरम्मतीकरण की मांग बीडीओ से कर चुके हैं. शिकायत के बाद पंचायत के सचिव ने आकर निरीक्षण किया था. लेकिन मामला जस को तस है. इसलिए अब सीधे उपायुक्त के पास जाकर लिखित शिकायत करेंगे. जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता अपनायेंगे.
पंचायतों में जलमीनार की स्थिति खराब
समुचित देखरेख की अभाव में अधिकांश पंचायतों में जलमीनार खराब हैं. जलमीनार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत होते हैं, परन्तु इनकी नियमित मरम्मत और रखरखाव न होने के कारण ये जल्दी खराब हो गये हैं. पंचायतों के पास पर्याप्त बजट और प्रशिक्षित कर्मियों की कमी से जलमीनारों की मरम्मत में देरी होती है, जिससे ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत झेलनी पड़ती है. पंचायतों में जलमीनारों की नियमित देखरेख करने के लिए एक टीम होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उचित बजट और संसाधन उपलब्ध होना जरूरी है.
जल्द ही सोलर जलमीनार को दुरस्त कर दिया जायेगा
पंचायत सचिव त्रिलोचन प्रधान ने बताया कि ग्रामवासियों ने सोलर मिनी जलमीनार के खराब होने की जानकारी दी है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मिस्त्री को दोनों जलमीनारों के मरम्मतीकरण का निर्देश दिया गया है. संभवत: दो-तीन दिनों के अंदर मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा. ग्रामवासियों को पानी की किल्लत से राहत मिलेगी. जलमीनारों के ठीक हो जाने से जलापूर्ति में सुधार होगा और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
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सोलर मिनी जलमीनार दो महीने से खराब, पीने का पानी की हो रही दिक्कत
करीब 70 परिवार को पीने का पानी की समस्या झेलना पड़ रहा है. बस्तीवासियों ने बताया कि पीने का पानी के लिए सोलर मिनी जलमीनार ही एकमात्र सहारा था.
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