पर्यावरण प्रेमी मदन मोहन सोरेन ग्रीन मैन की उपाधि से सम्मानित किये गये

आज पूरा विश्व ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंता कर रहा है. इसका समाधान कैसे हो इसपर मंथन कर रहे हैं. ऐसे में हम सबों की जवाबदेही बढ़ गयी है. इसलिए हम सबों को पौधारोपण करना चाहिए. लोगों को भी पौधारोपण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है.

By Dashmat Soren | June 5, 2024 9:18 PM

जमशेदपुर: जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत बेको पंचायत के डालापानी गांव में बुधवार को वन अधिकार समिति की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस समारोह सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर पर्यावरण प्रेमी मदन मोहन सोरेन को वन अधिकार समिति व वन सुरक्षा समिति की ओर से पर्यावरण को बचाने व लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रीन मैन उपाधि से सम्मानित किया गया. उन्हें समिति के सदस्यों ने पत्तों से बना टोपी व पारंपरिक वस्त्र देकर सम्मानित किया. मौके पर मदन मोहन सोरेन, किंकर महतो, पूर्व मुखिया दुर्लभ बेसरा समेत अन्य ने पर्यावरण संरक्षण के संबंध में अपनी बातों को रखा.
हमारा गलत जीवनशैली पर्यावरण को दूषित कर रहा: मदन मोहन
मौके पर मदन मोहन सोरेन ने कि आज पूरा विश्व ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंता कर रहा है. इसका समाधान कैसे हो इसपर मंथन कर रहे हैं. ऐसे में हम सबों की जवाबदेही बढ़ गयी है. इसलिए हम सबों को पौधारोपण करना चाहिए. लोगों को भी पौधारोपण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. क्योंकि वन पर्यावरण बचेगा तभी इस धरती पर जीवन का वजूद बचेगा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं. ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. लेकिन वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण दिवस को भी लोगों ने फैशन बना दिया है. केवल सुंदर-सुंदर फोटो खिंचाने के बाद सोशल मीडिया में अपलोड करते हैं और भूल जाते हैं. इस तरह के कार्य से पर्यावरण को बचाया नहीं जा सकता है.
पर्यावरण दिवस के महत्व को समझने की है जरूरत
किंकर महतो ने कहा कि भारत समेत पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है. बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं. प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है. ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा. प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई. पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं. इसमें हमारे चारों ओर के सभी जीवित और निर्जीव तत्व शामिल होते हैं, जैसे कि हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जानवर और अन्य जीव-जंतु. पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं.
इनको किया गया सम्मानित
विश्व पर्यावरण दिवस पर कई पर्यावरण प्रेमियों को सम्मानित किया. जो वर्तमान समय में विभिन्न कार्यों में व्यस्त होने के बावजूद भी पर्यावरण को संरक्षण व संवर्धन करने के लिए काम कर रहे हैं. इसमें वन अधिकार समिति के गुरुप्रसाद महतो, शिबू सोरेन, यमुना हांसदा, रमन सोरेन, किंकर महतो, दुर्लभ बेसरा, सांखी हांसदा, मिनोति महतो, तुलसी हांसदा, सलमा किस्कू, कल्याणी महतो, रामराज सोरेन, बहादुर सोरेन, सुधीर सोरेन, दुखीराम मार्डी, मुकेश कर्मकार व धीरेन चंद्र महतो आदि को पौधा व पारंपरिक वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की आयोजन पर्यावरण प्रेमी किंकर महतो व पूर्व मुखिया दुर्लभ बेसरा की देखरेख में किया गया. जबकि इसका संचालन सुकलाल ने किया.

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