Jamshedpur news. झारखंड हाइकोर्ट में 100 % फैसले हिंदी में होते हैं : न्यायमूर्ति आनंद सेन
श्रीनाथ विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी महोत्सव का समापन
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रविवार को श्रीनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय आठवां श्रीनाथ अंतरराष्ट्रीय हिंदी महोत्सव का समापन हुआ. इसमें चिंतन-मनन सत्र में वक्ता के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आनंद सेन, उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाली सह निर्भया कांड में न्याय दिलाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा एवं झारखंड बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला उपस्थित थे. इस दौरान न्यायिक प्रक्रिया में हिंदी का किस प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है, इससे जुड़ी बातों पर चर्चा हुई. न्यायमूर्ति आनंद सेन ने पैनल द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई कहता है कि हिंदी हमें नहीं आती है, तो यह गलत बात है. आप उतना ही हिंदी बोलिए, जितनी आपको आती है. उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय में 100% हिंदी में जजमेंट होता है. साथ ही कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय में जजमेंट हिंदी में अनुवाद किया जा रहा है. कोई बच्चा जब विद्यालय में हिंदी माध्यम से पढ़ता है और कॉलेज में जाकर कानून की पढ़ाई करना चाहता है और उसे वहां पुस्तकें अंग्रेजी में मिलती है, तो यह उसके लिए परेशानी का कारण बन जाता है. साथ ही न्यायमूर्ति आनंद सेन ने कहा कि हमलोग हिंदी के लिए प्रयास तो कर रहें हैं, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया में तथा अन्य चीजों में भी हिंदी को पूर्ण रूप से लाने में अभी दो पीढ़ियों का समय लगेगा. कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया.निर्भया को न्याय नहीं मिला है, बल्कि उसके दोषियों को सजा मिली है : सीमा समृद्धि कुशवाहा
कार्यक्रम के दौरान निर्भया कांड की अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि मेरी लड़ाई 2012 से 2020 तक चली. घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस कांड के बाद पूरा देश हिल गया था. 17 दिसंबर 2012 को ही ठान लिया था कि इस मामले में दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचायेंगे. निर्भया को न्याय नहीं मिला है, बल्कि उसके दोषियों को सजा मिली है. निर्भया को तब तक न्याय नहीं मिलेगा, जब तक लड़कियां सुरक्षित नहीं होंगी.
हिंदी के प्रति लोगों में बढ़ी है जागरूकता : राजेश शुक्ला
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शुक्ला ने कहा कि हिंदी का प्रचार टीवी के माध्यम से बहुत अधिक हुआ है. आज नुक्कड़ पर भी लोग खड़े होकर हिंदी अखबार पढ़ते हैं और आपस में बातें भी हिंदी में करते हैं. लोग हिंदी से जुड़ रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है