जमशेदपुर: छईये हमें जरथोस्ती, रे माझदांयस्नी नेक , कुल जहां साथे दोस्ती राखये निभाबीये टेक .. यहे बोल पारसी समाज के प्रार्थना गीत के हैं. इसका अर्थ है छोटे रूप में ही हम जब मिलते है तो खुद भी खुश होते हैं और दूसरे को अपना दोस्त बना कर उन्हें भी खुशियां बांटते हैं.
इसी प्रार्थना गीत के साथ शुक्रवार को सूर्योदय के साथ अगिA देव की उपासना व प्रार्थना करते हुए पारसी समाज ने जमशेदी नवरोज मनाया. इसके साथ ही प्रकृति के मनमोहक वातावरण में बादशाह जमशेदी की स्वागत किया गया. जिसके बाद शाम में बाग-ए-जमशेद के प्रांगण में पारसी एसोसिएशन ने नवरोज समारोह मनाया.
कार्यक्रम का शुभारंभ जमशेदी नवरोज मुबारक देते हुए वरिष्ठ महिला व अध्यक्ष केटी गब्बा और एसोसिएशन की सचिव केटी मालेगम ने द्वीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर बच्चों ने ड्रामा प्रस्तुत किया. बच्चियों ने डिस्को दिवाने गीत पर डांस एवं डासिंग क्वीन गीत की प्रस्तुति दी. अंत में एसोसिएशन द्वारा समाज के 13 बच्चों को एसोसिएशन के संरक्षक रुबी बोधनवाला के हाथों प्रमाण पत्र व स्कॉलरशिप सौंपा. इस बीच श्रीमती बोधनवाला ने नयी पीढ़ी को समाज में एकजुटता बनाये रखने और संस्कृति से जुड़े रहने की बात कही.
सचिव केटी मालेगम ने धन्यवाद ज्ञापन किया एवं नवरोज की शुभकामनाएं दी. समाज के लोगों ने सामूहिक भोजन का आनंद लिया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से बेली बोधनवाला, रुबी बोधनवाला, केटी गब्बा , नरगिस मादन, बेप्सी, केटी बथाने, केटी नारियलवाला, बीआर माष्टर आदि उपस्थित रहें.