लगेगा न्यूक्लियर पावर प्लांट

गुड़ाबांदा. सांसद ने कहा – प्लांट के लिए उपयुक्त स्थान है भाकर, होगा सर्वे जमशेदपुर : सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को कहा कि गुड़ाबांदा के भाकर में न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए स्थान देखा गया है और उसे उपयुक्त पाया गया है. स्थल चिह्नित किये जाने के बाद सर्वे व जांच होगी. सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2017 4:27 AM

गुड़ाबांदा. सांसद ने कहा – प्लांट के लिए उपयुक्त स्थान है भाकर, होगा सर्वे

जमशेदपुर : सांसद विद्युत वरण महतो ने बुधवार को कहा कि गुड़ाबांदा के भाकर में न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए स्थान देखा गया है और उसे उपयुक्त पाया गया है. स्थल चिह्नित किये जाने के बाद सर्वे व जांच होगी.
सांसद ने बताया कि जिले में न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव शेखर बसु ने उन्हें 31 मार्च 2017 को पत्र लिखा. पत्र में सचिव ने झारखंड सरकार द्वारा पूर्व में प्रस्तावित किये गये जिले के तीन स्थानों का जिक्र करते हुए लिखा कि वे स्थान घनी आबादी तथा पानी के स्रोत की दूरी के कारण उपयुक्त नहीं पाये गये. पत्र में वैकल्पिक स्थल प्रस्तावित करने का अनुरोध भी किया गया है.
सांसद ने कहा कि गुड़ाबांदा के भाकर में प्लांट के लिए स्थल उपयुक्त हो सकता है, क्योंकि वहां आबादी काफी कम अौर स्वर्णरेखा नदी भी नजदीक है.
तीन स्थानों का प्रस्ताव खारिज . परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव के पत्र में बताया गया है कि झारखंड सरकार ने 2004 में जिले के तीन स्थानों चपरी-कुमीरमुरी, भलकी- सुरगी तथा कालाझोर-राजाबासा का प्रस्ताव दिया था. इन तीनों स्थानों का मूल्यांकन परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थल चयन संबंधी स्थायी समिति (एसएसएससी) द्वारा किया गया था. इसे तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं पाया गया था. चपरी-कुमीरमुरी तथा भलकी-सुरगी भूकंप जोन से 5 किमी के अंदर है अौर कालाझोर-राजाबासा के आसपास बड़े स्तर पर खनन गतिविधियां होने के कारण जमीन धंसने की आशंका बनी रहती है. इस स्थल से शीतल जल स्वर्णरेखा नदी से लाना पड़ता जो लगभग 7. 5 किमी दूर है. तीनों ही स्थल घनी आबादी वाले हैं जिन्हें विस्थापित करने की आवश्यकता पड़ती. एसएसएससी ने झारखंड सरकार की नोडल एजेंसी से राज्य में अन्य वैकल्पिक स्थल प्रस्तावित करने का अनुरोध किया था.

Next Article

Exit mobile version