टाटा मोटर्स में अब नहीं होगा कोई बॉस!
नयी दिल्ली : टाटा मोटर्स में ऊपर के कुछ गिने चुने अधिकारियों को छोड़ बाकी कर्मचारियों के पद नाम खत्म करने का निर्णय किया गया है. यह निर्णय कंपनी में वरिष्ठता क्रम से मुक्त कामकाज का वातावरण बनाने के लिए किया गया है. इस पहल के तहत कर्मचारियों की अपनी-अपनी टीम का नेतृत्व करने वाले […]
नयी दिल्ली : टाटा मोटर्स में ऊपर के कुछ गिने चुने अधिकारियों को छोड़ बाकी कर्मचारियों के पद नाम खत्म करने का निर्णय किया गया है. यह निर्णय कंपनी में वरिष्ठता क्रम से मुक्त कामकाज का वातावरण बनाने के लिए किया गया है.
इस पहल के तहत कर्मचारियों की अपनी-अपनी टीम का नेतृत्व करने वाले एल-1 से एल-5 श्रेणी के बीच के सभी प्रबंधकों को ‘प्रमुख’ के साथ उनके विभाग के नाम से संबोधित किया जायेगा. इसी प्रकार सामने की तरफ काम करने वाले कर्मचारी, जिन्हें कोई भी अपनी रपट नहीं सौंपता है, उनको भी व्यक्तिगत सहयोगी (आईसी-4 से आईसी-6) के तौर पर ही जाना जायेगा. बस वह अपने नाम के आगे अपने विभाग का नाम लगायेंगे. कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि हालांकि प्रबंध निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और नेतृत्व टीम के अन्य सदस्यों समेत कार्यकारी समिति के लोग अपने पदनाम का उपयोग जारी रखेंगे. कंपनी के भीतर पदनाम मुक्त वातावरण बनाने के लिए हमने इस रणनीतिक पहल ‘पदनाम मुक्त नीति’ को संगठन में काफी सोच समझकर लागू किया है.
कंपनी ने जिन पदों को समाप्त करने का फैसला किया है, उनमें जनरल मैनेजर, सीनियर जनरल मैनेजर, डिप्टी जनरल मैनेजर, वाइस प्रेसिडेंट, सीनियर वाइस प्रेजिडेंट जैसे महत्वपूर्ण पद भी हैं. बुधवार को जारी एक सर्कुलर के माध्यम से टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों को यह जानकारी दी है.
मैनेजर्स को ‘टीम हेड’ का दर्जा : कंपनी के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि इससे टाटा मोटर्स के 10,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे. नयी व्यवस्था के तहत टीम के सभी मैनेजर्स को ‘हेड’ का दर्जा दिया जायेगा. उनके नाम के बाद उनके विभाग का नाम दिया जायेगा, यानी मैनेजर्स अब एक तरह से टीम हेड कहे जायेंगे. इसके अलावा, सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी के नाम के साथ उनका विभाग जुड़ा होगा.