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डॉक्टर भी व्यवहार में सुधार लायें

मंथन . हेल्थ वर्कर के खिलाफ हिंसा व अस्पतालों में तोड़फोड़ पर सेेमिनार में बोले वक्ता मरीज की स्थिति अच्छी न होने पर उसे अच्छे अस्पतालों में रेफर करने का दिया सुझाव. जमशेदपुर : आम लोगों के साथ डॉक्टरों को भी अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा. लोगों का डॉक्टरों पर विश्वास बढ़ा है, इसे […]

मंथन . हेल्थ वर्कर के खिलाफ हिंसा व अस्पतालों में तोड़फोड़ पर सेेमिनार में बोले वक्ता

मरीज की स्थिति अच्छी न होने पर उसे अच्छे अस्पतालों में रेफर करने का दिया सुझाव.
जमशेदपुर : आम लोगों के साथ डॉक्टरों को भी अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा. लोगों का डॉक्टरों पर विश्वास बढ़ा है, इसे ध्यान में रखकर किसी भी मरीज व उनके परिजनों के साथ ऐसा कोई व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे उनके दिल को ठेस पहुंचे. मरीज को जो भी बीमारी है इसकी सही जानकारी परिजनों को दें ताकि भ्रम की स्थिति न रहे. रविवार को साकची स्थित एक होटल में आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियेट्रिक) द्वारा हेल्थ वर्कर के खिलाफ हो रही हिंसा पर आयोजित सेमिनार में टीएमएच के डॉ सुधीर मिश्रा ने यह बात कही.
डॉ मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर को किसी भी मरीज को देखने से मना नहीं करना चाहिए.
अगर मरीज की स्थिति ठीक नहीं है और उनके पास इलाज नहीं हो सकता है तो तुरंत सही जानकारी परिजनों को देकर अच्छे अस्पतालों में रेफर कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज के परिजन अस्पताल में तोड़-फोड़ करते है डॉक्टरों व हेल्थ कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हैं तो इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ता है. लोगों को इस बात को समझने की जरूरत है कि कोई भी डॉक्टर यह नहीं चाहता है कि उसके मरीज की मौत हो. वह अंतिम समय तक मरीज को बचाने की कोशिश करता है. उन्होंने सरकार से मांग की कि कठोर कानून बने ताकि डॉक्टर के साथ मारपीट व अस्पतालों में तोड़-फोड़ की घटना न हो. डॉ मिश्रा ने डॉक्टरों को इलाज से संबंधित कागजात सही तरीके से बनाने, अस्पताल-क्लिनिक में सीसीटीवी कैमरा लगाने, क्लिनिक काे ओपेन रखने की सलाह दी.
इससे पूर्व सेमिनार का उदघाटन डॉ बीआर मास्टर, डॉ सुधीर मिश्रा, डॉ आरके अग्रवाल, डॉ एएम सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम में डॉ अमित कुमार, डॉ सरला सुंदर, डॉ अभिषेक, डॉ सुशील कुमार ने बच्चों को होने वाले कैंसर के बारे में उपस्थित डॉक्टरों को विस्तार से बताया. इस दौरान यह भी बताया गया कि बच्चों में कैसर की पहचान, इलाज कब व कैसे की जाये. कार्यक्रम में डॉ मोहन कुमार सहित शहर के अन्य कई डॉक्टर मौजूद थे.
आइएपी की ओर से आयोजित हुआ सेमिनार
मरीज या उनके परिजनों के साथ ऐसा व्यवहार न करें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे
परिजनों को मरीज की बीमारी की सही जानकारी देकर भ्रम की स्थिति से दूर रखें
मरीज के कागजात सही तरीके से बनाने, अस्पताल-क्लिनिक में सीसीटीवी कैमरा की सलाह

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