मसजिद ए आयशा में 600 लोग पढ़ते हैं नमाज
जमशेदपुर : जुगसलाई महतो पाड़ा रोड के मिल्लत नगर में स्थित मसजिद – ए- आयशा में पिछले 19 वर्षाें से नमाज ए पंजेगाणा पढ़ी जा रही है. यह मसजिद दो मंजिली है तथा तीन कट्ठा जमीन पर बनी है. यहां प्रत्येक दिन 300 के करीब लोग नमाज ए पंजगाणा पढ़ते हैं. जुमा को यहां 600 […]
जमशेदपुर : जुगसलाई महतो पाड़ा रोड के मिल्लत नगर में स्थित मसजिद – ए- आयशा में पिछले 19 वर्षाें से नमाज ए पंजेगाणा पढ़ी जा रही है. यह मसजिद दो मंजिली है तथा तीन कट्ठा जमीन पर बनी है. यहां प्रत्येक दिन 300 के करीब लोग नमाज ए पंजगाणा पढ़ते हैं. जुमा को यहां 600 से 800 लोग नमाज अदा करते हैं. इस मसजिद में वजू के लिए पानी की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है. दस वजूखाने हैं. संचालन सह प्रबंधन समिति में अध्यक्ष मो मोहसिन, महासचिव गुलाम जिलानी हैं.
यह मसजिद इमारत ए शरिया की देख-रेख में संचालित हाेती है. मसजिद ए आयशा के सदर मोहम्मद मोहसिन ने बताया कि यहां इमामत और नमाज ए तरावीह हजरत मौलाना अब्दुल सत्तार कासमी पढ़ा रहे हैं. बिजली गुल हाेने पर इनवर्टर की मदद से रोशनी की जाती है. यहां एक मदरसा मकतब तजविदुल कुरान के नाम से संचालित हो रहा है, जहां 40 बच्चे दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं.
मसजिद बनानेवालों को जन्नत में खुबसूरत महल
अल्लाह के प्यारे हबीब पैगंबर मोहम्मद सअ. ने इरशाद फरमाया कि जिसने दुनिया में मसजिद की तामीर की, अल्लाह ताला कयामत के दिन जन्नत में उन्हें खुबसूरत महल तैयार कर पेश करेेंगे. उन्होंने बताया कि जब तक नमाजी मसजिद में नमाज अता करते रहेंगे, तामीर में हिस्सा लेने वाला को इसका सवाब मिलता रहेगा. जिसने अल्लाह का घर बनाया और उसमें हिस्सा लिया, समझ लें कि उसने जन्नत में अपने घर की तामिर की.
मौलाना अब्दुल सत्तार कासमी, खतीब व पेश ए इमाम