रथ यात्रा आज: प्रभु जगन्नाथ ने 15 दिन बाद दिये दर्शन

जमशेदपुर : शनिवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में नेत्रोत्सव मनाया गया. गोलमुरी स्थित इस्कॉन में सुबह साढ़े चार बजे नेत्र दर्शन उत्सव शुरू हुआ. पंद्रह दिनों के बाद भगवान ने लोगों को दर्शन दिये. सुबह मंगल आरती हुई. दोपहर में आरती-कीर्तन हुआ. भगवान को राजभोग लगाया गया. राजभोग आरती हुई. इसके बाद भगवान विश्राम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2017 7:57 AM
जमशेदपुर : शनिवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में नेत्रोत्सव मनाया गया. गोलमुरी स्थित इस्कॉन में सुबह साढ़े चार बजे नेत्र दर्शन उत्सव शुरू हुआ. पंद्रह दिनों के बाद भगवान ने लोगों को दर्शन दिये. सुबह मंगल आरती हुई. दोपहर में आरती-कीर्तन हुआ. भगवान को राजभोग लगाया गया. राजभोग आरती हुई. इसके बाद भगवान विश्राम पर चले गये. दोपहर दो से चार बजे तक पट बंद रहा. शाम चार से आठ बजे तक कीर्तन हुआ. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किये.
हरिद्वार के गंगाजल से प्रभु ने किया स्नान : नागा मंदिर बेल्डीह में ब्रह्मबेला में भगवान को हरिद्वार के गंगाजल से स्नान कराया गया. इसके बाद नेत्र को मयूर पंख से उतारा (पोछा) गया. भगवान ने नये वस्त्र धारण किये और 15 दिनों बाद भगवान ने अन्न प्रसाद (चावल, दाल और सब्जी) ग्रहण किया. भगवान के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक श्रद्धालु आते रहे. बाराद्वारी स्थित गांधी आश्रम के जगन्नाथ मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी नेत्रोत्सव मनाया गया.
तीनों रथ तैयार, प्रभु आज करेंगे नगर भ्रमण : 25 जून को रथ यात्रा निकाली जायेगी. भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ लोगों को आशीर्वाद देने नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस्कॉन के पी जगन्नाथ दास ने बताया कि रथयात्रा की तैयारी पूरी कर ली गयी है. तीनों रथ को पूरी तरह से सजाया जा चुका है. हर रथ में चार-चार घोड़े लगाये गये हैं. प्रत्येक रथ में एक-एक सारथी होगा. भगवान जगन्नाथ का दिनभर होगा दर्शन : बिष्टुपुर के राम मंदिर से दोपहर तीन बजे रथ यात्रा शुरू होगी. इससे पहले गोलमुरी इस्कॉन से सुबह चार बजे भगवान की मूर्ति राम मंदिर चली जायेगी. मंदिर में ही सुबह साढ़े चार बजे मंगल आरती होगी. सुबह साढ़े सात बजे के बाद दिनभर श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ का राजवेश में दर्शन कर सकेंगे.

नागा मंदिर से दोपहर तीन बजे निकलेगी रथयात्रा : नागा मंदिर में पुरी से लाये गये वस्त्र और मुकुट को भगवान को पहनाया जायेगा. सुबह से शाम तक भगवान के दर्शन होंगे. तीन बजे रथ यात्रा निकलेगी, जो पहले मंदिर का पांच चक्कर लगायेगी. लोगों को दर्शन देने के बाद शाम चार बजे भगवान मौसीबाड़ी तुलसी मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे. इस दौरान चूड़ा-गुड़ प्रसाद का वितरण किया जायेगा. इसके अतिरिक्त जुगसलाई रथ गली, बर्मामाइंस शिव मंदिर व अन्य मंदिर में भी रथ यात्रा की तैयारी पूरी कर ली गयी है.

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