वोकेशनल कोर्स से इस्तीफा देंगे शिक्षक
जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में एडऑन के बाद अब वोकेशनल कोर्स भी तंगहाल हैं. विश्वविद्यालय में एडऑन कोर्स तो लगभग बंद ही हो चुका है, वोकेशनल कोर्स भी बंद होने लगे हैं, जिसका उदाहरण गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज है. इसके बाद को-ऑपरेटिव कॉलेज में चल रहे वोकेशनल कोर्स भी तंगहाल हैं. इस वजह से शिक्षक मौजूदा […]
जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में एडऑन के बाद अब वोकेशनल कोर्स भी तंगहाल हैं. विश्वविद्यालय में एडऑन कोर्स तो लगभग बंद ही हो चुका है, वोकेशनल कोर्स भी बंद होने लगे हैं, जिसका उदाहरण गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज है.
इसके बाद को-ऑपरेटिव कॉलेज में चल रहे वोकेशनल कोर्स भी तंगहाल हैं. इस वजह से शिक्षक मौजूदा सत्र समाप्त होने के साथ ही बाय-बाय कहने के मूड में हैं. शिक्षकों ने बताया कि कॉलेज में संचालित बीसीए, बीएससी आइटी व बीबीए में जो भी गेस्ट फैकल्टी हैं, उन्हें 2010 से ही मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है. जो शिक्षक अनुबंध पर नियुक्त किये गये हैं, उन्हें नौ-नौ महीने तक मानदेय का भुगतान नहीं होता. अनुबंधित शिक्षकों को अभी हाल में दिसंबर 2013 तक का भुगतान किया गया है.
स्ववित्तपोषित कोर्स पर विवि का अंकुश
कॉलेजों में जो भी वोकेशनल कोर्स संचालित होते हैं, वे सभी स्ववित्तपोषित (सेल्फ फाइनांसिंग) होते हैं. विद्यार्थियों का नामांकन होने के बाद पूरी राशि ए एकाउंट में जमा कर दी जाती है, जिसे विश्वविद्यालय ही ऑपरेट करता है. कॉलेज के प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य को यह एकाउंट ऑपरेट करने का अधिकार नहीं होता. विश्वविद्यालय ए एकाउंट से बी एकाउंट में राशि हस्तांतरित करता है, तभी कॉलेज उसका उपयोग कर सकते हैं. कॉलेज मानदेय भुगतान आदि का प्रस्ताव भेजते हैं, तब विश्वविद्यालय राशि हस्तांतरित करता है. विश्वविद्यालय में यह प्रक्रिया पूरी होने में भी लंबा समय लगता है. इससे शिक्षक खिन्न हैं.