सिंचाई विभाग के भवन में चलता है थाना

थाना परिसर में नहीं है एक भी शौचालय, पेट्रोल पंप और सिंचाई विभाग के शौचालय का करते हैं प्रयोग एक ही हॉल में बना है जवानों का बैरक और सिरिसता बैरक का छत टूटा, बरसात में रिसता है पानी कबाड़ और खाने का मेस साथ-साथ जमशेदपुर : उलीडीह थाना का न तो अपना थाना भवन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2017 4:16 AM

थाना परिसर में नहीं है एक भी शौचालय, पेट्रोल पंप और सिंचाई विभाग के शौचालय का करते हैं प्रयोग

एक ही हॉल में बना है जवानों का बैरक और सिरिसता
बैरक का छत टूटा, बरसात में रिसता है पानी
कबाड़ और खाने का मेस
साथ-साथ
जमशेदपुर : उलीडीह थाना का न तो अपना थाना भवन है और न ही शौचालय. उलीडीह थाना सिंचाई विभाग के भवन में चलता है. इतना ही नहीं थाना भवन में कोई शौचालय की व्यवस्था नहीं है. अगर किसी पुलिस कर्मी को शौचालय जाना हो, तो वे लोग पड़ोस में स्थित सिंचाई विभाग के भवन के शौचालय का प्रयोग करते हैं. पुरुष पुलिसकर्मी आसपास के पेट्रोल पंप में जा कर शौचालय का प्रयोग करते हैं. महिला पुलिसकर्मी को ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सिंचाई विभाग के भवन में बने शौचालय की स्थिति भी बहुत जर्जर है. साथ ही साथ वहां जाने के लिए झाड़ियों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है.
उलीडीह के पुलिसकर्मी से मिली जानकारी के अनुसार प्रारंभ में उलीडीह टीओपी था. उस वक्त यह सिद्दो-कान्हू बस्ती के पास बना था. बाद में जब सिंचाई विभाग ने इस भवन को छोड़ा, तो उलीडीह को सिंचाई विभाग के इस भवन में शिफ्ट कर दिया गया और इसे उलीडीह ओपी यानि आउट पोस्ट बना दिया गया. उसके बाद से कई बार उलीडीह थाना का नया भवन बनाने का प्रस्ताव आया, लेकिन आज तक इस थाना को अपना भवन नहीं मिल पाया है. खंडहर जैसा दिखता है थाना भवन. उलीडीह थाना की स्थिति ऐसी है कि भवन खंडहर की तरह दिखाई देता है. एसबेस्टस के बने इस भवन की देख-रेख भगवान भरोसे चल रही है. ऐसे में भवन की छत की स्थिति काफी बेकार है. भवन के कुछ जगहों को छोड़ कर पूरे थाना परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. चारों ओर जब्त की गयी कबाड़ वाली गाड़िया बेतरतीब ढंग से रखी गयी है, जिसमें पेड़ पौधे भी उग गये हैं.
सिरिसता और बैरक साथ-साथ
उलीडीह थाना में पदस्थापित पुलिसकर्मी को सोने के लिए अलग से बैरक की कोई व्यवस्था नहीं है. उलीडीह थाना में एक बड़ा हॉल है. इसमें सिरिसता और बैरक एक ही हॉल में बनाया गया है. सिरिसता और बैरक के बीच में दो अलमारी खड़ी कर उसे दो भाग में बांटा गया है. बैरक में जहां जवान सोते है, उसकी छत पर लगा हुआ टीना कभी भी जवान के ऊपर गिर सकता है. सिरिसता की स्थिति भी पूरी तरह से जर्जर हो गयी है. ऐसे में पुलिसकर्मी भी सिरिसता में बैठ कर काम करते हैं.
मेस बना कबाड़ खाना, निकला था अजगर
उलीडीह थाना में पुलिसकर्मियों के खाने के लिए गैर सरकारी मेस चलाया जाता है, लेकिन मेस के चारों ओर गंदगी का अंबार पड़ा हुआ है. बीच-बीच में थाना प्रभारियों द्वारा साफ-सफाई करायी जाती है, लेकिन उसके बाद फिर स्थिति ज्यो का त्यों बन जाती है. उलीडीह थाना में जहां खाना पकाया जाता है, उसके चारों तरफ कोई घेराबंदी नहीं है. चारों ओर कबाड़ वाले गाड़ियों को खड़ी कर दी गयी. इससे आये दिन कीड़े-मकौड़े निकलते रहते हैं. इतना ही नहीं, दस दिन पूर्व थाना भवन में अजगर सांप भी निकला था. इसके बाद पुलिस ने फोन कर एनके सिंह को बुलावा कर उसे पकड़वाया था.

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