गुड़ाबांधा व डुमरिया में पन्ना का दिया जायेगा प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस

झारखंड सरकार ने भारत सरकार से मांगी इजाजत जमशेदपुर : गुड़ाबांदा डुमरिया में पन्ना व नीलम के उत्खनन के लिए प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस (पीएल) दिया जायेगा. पीएल के लिए झारखंड सरकार ने भारत सरकार से इजाजत मांगी है. वर्तमान में राज्य सरकार ने दो भंडार की ही प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस देने के लिए कदम बढ़ायी है. चूंकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2017 3:40 AM

झारखंड सरकार ने भारत सरकार से मांगी इजाजत

जमशेदपुर : गुड़ाबांदा डुमरिया में पन्ना व नीलम के उत्खनन के लिए प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस (पीएल) दिया जायेगा. पीएल के लिए झारखंड सरकार ने भारत सरकार से इजाजत मांगी है. वर्तमान में राज्य सरकार ने दो भंडार की ही प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस देने के लिए कदम बढ़ायी है. चूंकि पन्ना जेम्स मिनरल के दायरे में आता है, इस कारण भारत सरकार को इसके लिए क्लियरेंस देना होगा. इसके साथ ही वन विभाग के भी क्लियरेंस की जरूरत होगी. प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस मिलने पर किसी कंपनी को निविदा के आधार पर आवंटन दिया जायेगा.
4000 एकड़ में है पन्ना का भंडार, वर्ल्ड क्लास है क्वालिटी. झारखंड सरकार द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के मुताबिक, गुड़ाबांदा और डुमरिया में करीब 4000 एकड़ का पन्ना का भंडार पाया गया है. जियोलॉजी विभाग ने इसका अध्ययन किया था. विभाग के रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां का पन्ना देश के सर्वोत्तम पन्ना में से एक है. गुड़ाबांदा से डुमरिया जाने वाले रास्ते, हड़ियान, जियान, बागुनमुटी, महेशपुर, कशियाबेड़ा, बकराकोचा, नामुलेप, मानीकपुर समेत कुछ क्षेत्र हैं जहां इसके भंडार हैं.
राजाबासा पहाड़ व आसपास नीलम भी. अन्वेषण में यह बातें सामने आयी है कि राजाबासा पहाड़ और आसपास के क्षेत्र में नीलम भी मिल रहा है. राजा बासा पहाड़ के दुगर्म क्षेत्र में यह नीलम है, जिसकी खुदाई की जा सकती है. नीलम की क्वालिटी भी काफी अच्छी है.
12 से अधिक कंपनियों ने अभी से ठोका दावा. पन्ना खनन के लिए दावा करने वाली कंपनियों में जयपुर की ब्लू डॉट्स, जयपुर की पूरम, ओड़िशा की मानिकेश्वर के अलावा जवाहर विग, हरीश विग, टीपी साव, नागपुर के ग्रोम ओर, जेम्सफील्ड, मां तारा, जयपुर की वर्टबोल, मुंबई की अर्थ क्रिएटिव, प्रखर व्यापार आदि शामिल है.
भारत सरकार से अनुमति का इंतजार : अंजलि. भारत सरकार से प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस देने के लिए अनुमति मांगी गयी है. हरी झंडी मिलते ही खदान आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
अंजलि कुमारी, निदेशक,
भूतत्व विभाग, झारखंड.

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