चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल ने जिले को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने का लक्ष्य तय कर दिया है. जिला साक्षरता समिति की बैठक में उपायुक्त ने कहा कि वर्ष 2020 तक जिले को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने की दिशा में काम शुरू कर दें.
उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए स्वच्छता अभियान की तरह साक्षरता अभियान को भी गांव-गांव तक ले जाना होगा. उपायुक्त की योजना के तहत 9वीं और 10वीं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को शिक्षक की भूमिका दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को उनके गांव को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने की जिम्मेवारी सौंपी जाये.
गुड न्यूज:झारखंड में साक्षरता की स्थिति सुधरी
जिले को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए शुक्रवार को एक स्थानीय स्कूल में हुई साक्षरता समिति की बैठक में विभिन्न प्रखंडों में साक्षरता की स्थिति पर चर्चा की गयी. उपायुक्त ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले में निरक्षरों की संख्या 4 लाख 50 हजार थी. इसमें अब तक 2 लाख 50 हजार लोग साक्षर हो चुके हैं. शेष 1 लाख 91 हजार लोग अब भी निरक्षर हैं. माइक्रो प्लान बना कर इन्हें साक्षर बनाना होगा.
डीसी ने इस साल 62 हजार लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया है. उन्होंने कहा कि 2018-19 में 77 हजार लोगों को साक्षर बनाया जायेगा. इसके लिए उन्होंने अपनी योजना का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा कि 1 से 15 जुलाई तक मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जायेगा.
चार साल में गढ़वा जिला पूर्ण साक्षर होगा
साक्षरता प्रशिक्षक के रूप में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को जोड़ा जायेगा. प्रखंडों में बीपीएम व प्रत्येक पंचायत में 2-2 प्रेरक होंगे. हर 10 निरक्षर पर एक बीडीएम बनाया जायेगा. ग्राम सभा में जागरूकता लाकर निरक्षरों को साक्षर बनाया जायेगा.
सरस्वती वाहिनी संचालन समिति, महिला स्वयंसहायता समूह, क्षेत्रीय ग्रामों में रात्रि अखाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, साक्षरता रैली और घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की भी योजना है. बीइइओ एक-एक गांव को गोद लेकर लोगों को साक्षर बनायेंगे.